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टेस्ला बनी दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाली ऑटो कंपनी, टोयोटा से छिना ताज, जानें खास बातें

By रजनीश | Updated: July 3, 2020 13:59 IST

देशभर में बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतें लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ खीचनें में कितना सफल होंगी यह इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों पर तय होगा। फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहन थोड़े महंगे होते हैं।

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ठळक मुद्देटेस्ला की वैल्युएशन इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि कंपनी कभी प्रॉफिट में नहीं रही। इलेक्ट्रिक कार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी बैटरी हैं और टेस्ला 16 साल तक चलने वाली "मिलियन मील" बैटरी बनाने में लगी है। 

इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला 209 बिलियन डॉलर (लगभग 15.78 लाख करोड़) वैल्यूएशन के साथ दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन गई है। टेस्ला ने जापान की कार निर्माता कंपनी टोयोटा को भी पीछे छोड़ दिया है। टेस्ला को सबसे वैल्युएबल कंपनी का खिताब मिलने से पहले तक ये ताज टोयोटा के नाम था। 

इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड का फायदाजानकारों को उम्मीद है अरबपति एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला कंपनी जल्द ही 1 ट्रिलियन डॉलर (यानी लगभग 71.43 लाख करोड़) का वैल्यूएशन हासिल कर लेगी। टेस्ला की इस सफलता के पीछे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। 

टोयोटा से छीना ताजबुधवार को टेस्ला के शेयर्स 4% से ज्यादा की बढ़त के साथ 1100 डॉलर (लगभग 83,067 रुपए प्रति शेयर) से ज्यादा कीमत पर पहुंच गए। शेयर्स में आई इस तेजी के बाद टेस्ला का वैल्यूएशन 209 बिलियन डॉलर (लगभग 15.78 लाख करोड़) हो गया है। बात करें टोयोटा की तो अभी उसका वैल्युएशन 205 बिलियन डॉलर (लगभग 15.48 लाख करोड़) है।

 मुनाफे में नहीं रही टेस्लाटेस्ला की वैल्युएशन इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि कंपनी कभी प्रॉफिट में नहीं रही। एनालिस्टों ने बैटरी-पावर्ड व्हीकल टेक्नोलॉजी में मार्केट लीडर के रूप में कंपनी की संभावनाओं की ओर इशारा किया है। 

स्टॉकब्रोकर जेफरीज के एनालिस्ट का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी ने दुनिया को क्लीनर ईंधन अपनाने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि हम कोविड-19 को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और रिन्यूएबल्स के लिए एक्सेलेरेटर के तौर देखते हैं। 

टेक्नॉलॉजी में है आगेटेस्ला कंपनी प्रॉडक्ट रेंज और टेक्नोलॉजी के मामले में काफी आगे है। इलेक्ट्रिक कार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी बैटरी हैं और टेस्ला 16 साल तक चलने वाली "मिलियन मील" बैटरी बनाने में लगी है। 

इस बैटरी पर टेस्ला की चीनी सप्लायर कंपनी कैटल (Catl) काम कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि टेस्ला की यह बैटरी सफल हो जाती है तो इलेक्ट्रिक कार की कीमत कम करना आसान होगा। 

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