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चीन के भरोसे नहीं रहेगा भारत, लिथियम बैटरी को देगा चुनौती, इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में मिलेगी बड़ी सफलता

By रजनीश | Updated: April 24, 2020 19:33 IST

इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण उसकी बैटरी है। क्योंकि बिना पॉवरफुल बैटरी के इलेक्ट्रिक कार या बाइक का ज्यादा लंबा सफर कर पाना कठिन है और इस समस्या के चलते इलेक्ट्रिक वाहन लोगों को अपनी तरफ आकर्षित नहीं कर पाएंगे।

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ठळक मुद्देकंपनी का कहना है कि सोडियम-आयन बैटरी की तकनीक, लिथियम आयन बैटरी की तुलना में दुनिया भर में ऑटोमोबाइल और मोबाइल क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है। इससे पैसों की भी बचत होगी क्योंकि सोडियम-आयन तकनीक महंगी सामग्रियों की जगह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सोडियम का इस्तेमाल करती है।  

वाहनों से होने वाले प्रदूषण के खतरे को देख वाहन निर्माता कंपनियों पर इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का दबाव बढ़ा। कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण शुरू भी किया लेकिन इनकी कीमत इतनी ज्यादा होती है कि आम आदमी के बजट से बाहर की बात है। हालांकि अब धीरे-धीरे टेक्नॉलॉजी विकसित हो रही है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत आने वाले समय में कम होने की उम्मीद है। दरअसल ब्रिटेन में सोडियम-आयन सेल्स बनाने वाली कंपनी फैराडियन लिमिटेड (Faradion Ltd.) ने कहा है कि वह भारत में विनिर्माण की संभावनाएं तलाश रही है। 

कंपनी का कहना है कि पारंपरिक रसायन विज्ञान में सोडियम के साथ कोबाल्ट और लिथियम जैसी महंगी सामग्री की जगह सोडियम-आयन तकनीक उसके बराबर परफॉर्मेंस देती है और उससे बेहतर है। फैराडियन को  आईसीएम (ICM) ऑस्ट्रेलिया से पहला ऑर्डर भी मिला है। 

कंपनी का कहना है कि सोडियम-आयन बैटरी की तकनीक, लिथियम आयन बैटरी की तुलना में दुनिया भर में ऑटोमोबाइल और मोबाइल क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है। इससे पैसों की भी बचत होगी क्योंकि सोडियम-आयन तकनीक महंगी सामग्रियों की जगह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सोडियम का इस्तेमाल करती है।  

बैटरी के प्रदर्शन, सुरक्षा और कीमत के कारण अमेरिका, यूरोप और भारत जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रुचि देखने के बाद, फैराडियन के सीईओ जेम्स क्विन का कहना है कि बाजार की स्थिति को देखते हुए फैराडियन के लिए आस्ट्रेलिया और एशिया अगला संभावना का क्षेत्र होगा।  

उन्होंने कहा, "फैराडियन अपनी सुरक्षित, कम लागत, सोडियम-आयन ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी के बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण में तेजी ला रहा है। उनका यह भी कहना है कि वह भारत को अगले बड़े बाजार के रूप में देख रहे हैं।  चूंकि यहां मोबाइल उपकरण में भारी वृद्धि और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से बढ़ता बाजार है।

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