इलेक्ट्रिक वाहनों का 'सपना' पूरा करने की कवायद तेज, कंपनियों ने पुराने बाइक पर रोक का किया विरोध
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 12, 2019 09:26 AM2019-07-12T09:26:23+5:302019-07-12T09:26:23+5:30
पिछले महीने वाहन उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में नीति आयोग ने दो सप्ताह के भीतर इस बदलाव पर ठोस कदमों के साथ आने को कहा था.
वाहन उद्योग इलेक्ट्रिक वाहन या बिजली चालित वाहन पर रूपरेखा तैयार करने के लिए एक बाहरी एजेंसी से अध्ययन कराएगा. नीति आयोग चाहता है कि वर्ष-2023 तक सभी तिपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदल दिया जाए. वहीं 2025 तक 150 सीसी तक के सभी दोपहिया वाहन बिजली चालित हों.
पिछले महीने वाहन उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में नीति आयोग ने दो सप्ताह के भीतर इस बदलाव पर ठोस कदमों के साथ आने को कहा था. लेकिन वाहन विनिर्माताओं का कहना था कि इस पर काम के लिए उन्हें कम से कम 4 महीने लगेंगे.
हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर कंपनी और होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने नीति आयोग की परंपरागत दोपहिया और तिपहिया पर पूरी तरह रोक और शत-प्रतिशत बिजली चालित वाहनों की योजना का विरोध किया है.
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने भी कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर स्थानांतरण के लिए योजना बनाई जानी चाहिए और कई साल की रूपरेखा के जरिये यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पूरा माहौल इसके लिए तैयार है.
अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ''वे इस पर अध्ययन करा रहे हैं और इस पर सरकार के साथ विचार-विमर्श करेंगे.'' अध्ययन की योजना की पुष्टि करते हुए वाहन उद्योग के सूत्रों ने कहा कि इसमें 6 सप्ताह से दो महीने का समय लगेगा.
सूत्रों ने कहा कि यह अध्ययन बाहरी एजेंसी से कराया जाएगा. अध्ययन की सिफारिशों को सरकार से साझा किया जाएगा. एक सूत्र ने कहा कि इस घटनाक्रम को बीच का रास्ता निकालने के कदम के रूप में देखा जा रहा है.