प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंदन स्थित इंजन बनाने वाली कंपनी रॉल्स रॉयस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस दर्ज किया है। ये केस कमीशन के रूप में संदिग्ध भुगतान मामले में दर्ज किया गया है। नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि इसमें सिंगापुर स्थित कंपनी एश्मोर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक पाटनी और एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।
इससे पहले सीबीआई (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने 2007 से 2011 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एचएएल, ओएनजीसी और गेल के ठेके हासिल करने के लिए एक एजेंट को 77 करोड़ रुपये से अधिक की कथित कमीशन देने से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लंदन स्थित ऑटोमोबाइल कंपनी रॉल्स रॉयस के खिलाफ मामला दर्ज किया। एजेंसी द्वारा पांच साल तक चली जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।
यह जांच रक्षा मंत्रालय की शिकायत के आधार पर शुरू हुई थी। दरअसल, मंत्रालय को रॉल्स रॉयस द्वारा सिंगापुर में रहने वाले अशोक पाटनी तथा उसकी कंपनी एश्मोरे प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं लेने की शिकायत मिली थी। रक्षा मंत्रालय को रॉल्स रॉयस के पाटनी के साथ संबंधों के बारे में पत्र मिला था जिसे जांच के लिए सीबीआई के पास भेजा गया था।
अधिकारियों ने आरोप लगाया कि 2000 से 2013 के बीच एचएएल के साथ रोल्स रॉयस का कुल कारोबार 4700 करोड़ रुपये का रहा। आरोप है कि रोल्स रॉयस ने 2007 से 2011 के बीच एचएएल को एवन एवं एलीसन इंजन के पुर्जों के सौ आर्डर में ‘‘वाणिज्यिक सलाहकार’’ के रूप में पाटनी को 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि पुर्जों की आपूर्ति के लिए ओएनजीसी और गेल के साथ रोल्स रॉयस के सीधे ठेकों के लिए भी पाटनी की सेवाएं ली गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि रोल्स रॉयस ने गेल को आपूर्ति के लिए 2007 से 2010 के दौरान कुल 28.09 करोड़ रुपये के कमीशन का भुगतान किया।