पूरा भारत कोरोना वायरस से जूझ रहा है और ऐसे समय में कई बड़े उद्योगपति, फिल्मी कलाकार सामने आए जिन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए पैसे भी दान किए। इनमें वाहन निर्मता कंपनी महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी शानदार पहल की। कोरोना के चलते प्रॉडक्शन प्लांटों को बंद किया गया है लेकिन कुछ दिन पहले ही उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि उनके इंजीनियर वेंटिलेटर बनाने का काम करेंगे।
वेंटिलेटर बनाने के आनंद महिंद्रा के ट्वीट 48 घंटे के भीतर वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप तैयार कर दिया गया है। महिंद्रा के मुंबई स्थित कांदीवली और नासिक स्थित इगतपुरी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 48 घंटे के भीतर प्रोटोटाइप तैयार किया गया है।
अब तक टीमें क्या हासिल कर पाई हैं, इस बारे में आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है..
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर बताया कि विशेषज्ञ और अधिक रिसर्च के फीडबैक के आधार पर टीमें अब 3 और प्रोटोटाइप पर काम करेंगी। ये नए वेंटिलेटर प्रोटोटाइप कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों की मदद करेंगे। प्रोटोटाइप हल्के और अधिक कॉम्पैक्ट हैं और टीमों का लक्ष्य है कि वो 2 से 3 दिनों के भीतर इस काम को पूरा लेगी।
आनंद महिंद्रा ने एक और महत्वपूर्ण बात बताई की वेंटिलेटर (जीवन रक्षक उपकरण) जिनकी लागत 5-10 लाख रुपये के बीच होती है, एक बार बनाने के बाद ये केवल 7,500 रुपये से कम में मिलेंगी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक डॉ. पवन के गोयनका ने यह भी खुलासा किया है कि समूह दो बड़े सार्वजनिक उपक्रमों और मौजूदा वेंटिलेटर निर्माता के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि उन्हें डिजाइन को आसान बनाने और क्षमता बढ़ाने में मदद मिल सके और महिंद्रा की इंजीनियरिंग टीम भी उनके साथ इस काम में जुटी हुई है।
गोयनका ने यह भी बताया कि कंपनी बैग वाल्व मास्क (Bag Valve Mask) वेंटिलेटर के एक ऑटोमैटिक वर्जन पर भी काम कर रही है जिसे आमतौर पर एम्बु बैग के रूप में जाना जाता है। कंपनी उम्मीद कर रही है कि अगले 3 दिनों में आवश्यक मंजूरी के लिए इसका एक प्रोटोटाइप तैयार हो जाएगा।
क्यो होता है वेंटिलेटरवेंटिलेटर ऐसा डॉक्टरी उपकरण होता है जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब मरीज खुद से सांस नहीं ले पाता। जब कोई इंसान न तो ऑक्सीजन ले पाता है और न ही कॉर्बन डाईऑक्साइड छोड़ पाता है तब उसे वेंटिलेटर पर रखा जाता है और मशीन इस काम को ऑटोमैटिक करती है।