ऑटोमोबाइल कंपनियां सरकारी नियमों की खामियों के चलते उठा रही हैं फायदा, सुरक्षा से किया जा रहा खिलवाड़
By रामदीप मिश्रा | Updated: October 9, 2019 13:38 IST2019-10-09T13:38:58+5:302019-10-09T13:38:58+5:30
कार के दोनों साइड पर एयरबैग होना चाहिए, जिससे ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर की सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। लेकिन अधिकतर कारों में सिंगल एयरबैग आते हैं।

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अधिकतर कारों में सिंगल एयरबैग आते हैं। इसमें कंपनियों का कोई दोष नहीं माना चाहिए क्योंकि सरकार ने ही उन्हें नियमों में ढील दे रखी है। यही वजह है कि केवल ड्राइवर साइड पर एयरबैग की सुविधा दी जा रही है। ऑटोमोबाइल कंपनिया फ्रंट पैसेंजर की साइड एयरबैग देने पर पैसा खर्च करना नहीं चाहती हैं।
सरकार ने जो नियम बनाए हैं उसके अनुसार कार में कम से कम एक एयरबैग देने के लिए कहा है, जबकि उसने फ्रंट पैसेंजर के लिए एयरबैग अनिवार्य नहीं किया। इसी का फायदा कंपनियां उठा रही हैं, जबिक लाखों रुपये की आने वाली कार में यह बहुत कम पैसों वाली चीज मानी जाती है।
जानकारों का मानना है कि कार के दोनों साइड पर एयरबैग होना चाहिए, जिससे ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर की सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। कई बार देखने में आया है कि एयरबैग न होने की वजह से फ्रंट पैसेंजर सड़क दुर्घटना के समय या तो गंभीर रूप से घायल हो गया फिर उसकी जान चली गई।
बताया जा रहा है कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने कारों की सुरक्षा से संबंधित ड्राफ्ट पेश किया था। इस ड्राफ्ट में ड्यूल फ्रंट एयरबैग का प्रस्ताव लगाया गया था, लेकिन बाद में किस वजह से इसको नहीं रखा गया यह बात सामने नहीं आई। मंत्रालय ने दो साल पहले प्रस्ताव पेश किया था। बता दें सरकार ने स्पीड अलर्ट सिस्टम, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स और सीट बेल्ट रिमाइंडर जैसे फीचर अनिवार्य कर रखे हैं।