'शादी के बाद पत्नी के साथ पति का बनाया संबंध, बलात्कार की श्रेणी में नहीं', मध्य प्रदेश HC ने कहा

By आकाश चौरसिया | Published: May 4, 2024 05:44 PM2024-05-04T17:44:16+5:302024-05-04T18:13:58+5:30

बुधवार (1 मई) को फैसला तब आया, जब अदालत ने एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर दिया। इसमें उस पर कई मौके पर उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था।

Madhya Pradesh High Court said that if husband establishes relationship with wife after marriage then it does not amount to rape | 'शादी के बाद पत्नी के साथ पति का बनाया संबंध, बलात्कार की श्रेणी में नहीं', मध्य प्रदेश HC ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsहाईकोर्ट ने शादी के बाद पति के द्वारा पत्नी के साथ बनाया संबंध रेप की श्रेणी में नहीं आता हैइसके साथ ही ये भी कहा धारा 377 के तहत कोई अपराध नहींयहीं नहीं ये भी बताया कि कानून की धारा 375 के तहत ये बलात्कार भी नहीं है

नई दिल्ली: हाल में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि एक व्यक्ति अगर अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक रिश्ता बनाता है, वो गलत बात नहीं है और इसे रेप की संज्ञा नहीं दी जा सकती क्योंकि भारतीय कानून के तहत वैवाहिक बलात्कार को मान्यता नहीं दी गई है। ऐसी परिस्थितियों में उसकी समझौता अप्रासंगिक है।

बुधवार (1 मई) को फैसला तब आया, जब अदालत ने एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर दिया। इसमें उस पर कई मौके पर उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था।

जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की सिंगल बेंच के मुताबिक, यदि कोई पति अपनी पत्नी के साथ बिना सहमति के संबंध स्थापित करता है, तो यह तब तक बलात्कार नहीं माना जाएगा, दूसरी स्थिति में ये भी कहा कि इस दौरान पत्नी की उम्र 15 वर्ष से कम न होनी चाहिए।

हाईकोर्ट ने आगे कहा, "धार 375 को परिभाषित करते हुए कहा कि पति का पत्नी के साथ शादी के बाद बनाया संबंध अपराध या बलात्कार की श्रेणी में नहीं है, लेकिन पत्नी की उम्र 1 5 साल से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा एक बात को भी परिभाषित करता है कि अगर कोई किसी महिला के साथ ऐसा करता है तो वो बलात्कार की श्रेणी में होगा"।   

जस्टिस अहलूवालिया ने फिर कोर्ट में बताया कि धारा 377 के तहत पत्नी के साथ इस तरह का आप्रकृतिक संबंध अपराध नहीं है। इस बात पर अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता नहीं है कि क्या एफआईआर तुच्छ आरोपों के आधार पर दर्ज की गई थी या नहीं है।

हालांकि, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा कि मामले में एकमात्र छूट आईपीसी की धारा 376बी है, जिसमें कहा गया है कि पत्नी के साथ यौन कृत्य को बलात्कार माना जाता है, यदि यह तब किया जाता है जब वे न्यायिक अलगाव के कारण या अन्यथा अलग रह रहे हों।

यह मामला साल 2019 का है, जब एक महिला ने अपनी पति पर इस तरह की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि शादी के बाद जब वो सुसराल दोबारा आई तो, उन्होंने पत्नी के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाए। 

 

Web Title: Madhya Pradesh High Court said that if husband establishes relationship with wife after marriage then it does not amount to rape

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