Assembly Elections 2023: कांग्रेस ने तेलंगाना चुनाव जीता और अच्छी तरह से जीता. लेकिन उसके साथ हिंदी पट्टी के राज्यों के न होने से इस जीत का कोई राष्ट्रीय महत्व नहीं बना. ...
Assembly Elections 2023: हिंदी पट्टी की तीन विधानसभाओं के चुनावों ने हमारे सामने कुछ इस तरह के नेता पेश किए हैं जो अपनी ही पार्टी के नेतृत्व से उत्पीड़ित महसूस कर रहे हैं. ...
उसे चार राज्यों में से तीन को तो जीतना ही होगा। फिर उसे यह साबित करना है कि वह 2024 में 2019 का दोहराव नहीं होने देगी। पिछली बार 2018 में कांग्रेस राज्यों का चुनाव जीत कर मुगालते में आ गई थी। ...
आंबेडकरवादियों और बहुजनवादियों की परियोजना अपनी गोधूलि बेला में प्रतीत हो रही है. ऐसे में कांग्रेस द्वारा कांशीराम की राजनीतिक विरासत के जरिये दलित वोटों की गोलबंदी का प्रयास करना एक दिलचस्प रणनीति है. ...
मेरा विचार है कि बिहार की जातिगत जनगणना के साथ ही पिछड़ी जातियों के वोटरों की गोलबंदी के लिए होने वाली प्रतियोगिता अपने तीसरे चरण में पहुंच गई है। ध्यान रहे कि यह होड़ केवल हिंदू पिछड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मुसलमान पिछड़ों की भी इसमें उल्लेखनी ...
अखिलेश ने पिछड़ी जातियों का एक गुलदस्ता तैयार करने में कामयाबी हासिल की और मुसलमान वोटों के भीतर मौजूद किसी भी तरह के ढुलमुलपन को भी खत्म करके उनका सर्वांग समर्थन जीत लिया. ...
भाजपा पूरी कोशिश करेगी कि मायावती विपक्ष के साथ न जा पाएं, लेकिन अगर मायावती ने इस तरह का मन बनाया तो भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में मुश्किलें बहुत बढ़ जाएंगी। ...
लोकसभा में बहुमत 272 सीटें जीतने पर बनता है। भाजपा के पास इस जादुई आंकड़े से केवल 31 सीटें ज्यादा हैं। कहना न होगा कि अगर पहले नंबर के 11 राज्यों में 2019 की असाधारण सफलता हासिल करने में भाजपा जरा सी भी चूक गई तो वह लगातार तीसरी बार बहुमत की पार्टी न ...