बराबरी का हक: महिला खिलाड़ियों को समान भुगतान के पक्ष में भारतीय, जानिए क्या कहती है रिसर्च
By भाषा | Updated: March 22, 2020 19:06 IST2020-03-22T19:06:15+5:302020-03-22T19:06:15+5:30
बीबीसी के एक शोध में यह नतीजा निकला है। इस शोध में 14 भारतीय राज्यों के 10181 लोगों के जवाब शामिल किये गये हैं, जिनमें से तीन चौथाई लोगों का कहना था कि उनके जीवन में खेल महत्वपूर्ण हैं।

बराबरी का हक: महिला खिलाड़ियों को समान भुगतान के पक्ष में भारतीय, जानिए क्या कहती है रिसर्च
अधिकतर भारतीयों का मानना है कि महिला खिलाड़ियों को भी पुरुष खिलाड़ियों के समान ही भुगतान मिलना चाहिए लेकिन 38 प्रतिशत का कहना है कि जिन खेलों में महिलाएं शामिल होती हैं वे पुरुषों वाले खेलों की तुलना में अधिक मनोरंजक नहीं होते हैं।
बीबीसी के एक शोध में यह नतीजा निकला है। इस शोध में 14 भारतीय राज्यों के 10181 लोगों के जवाब शामिल किये गये हैं, जिनमें से तीन चौथाई लोगों का कहना था कि उनके जीवन में खेल महत्वपूर्ण हैं लेकिन केवल 36 प्रतिशत ही किसी तरह के खेल या शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।
इसमें इसके साथ ही कहा गया है कि 42 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि उन्होंने खेलों में हिस्सा लिया है जबकि ऐसी महिलाओं की संख्या केवल 29 प्रतिशत ही हैं, जो लोग 15 से 24 साल के हैं वे अधिकतर खेल खेलते हैं। शोध से पता चला है कि जो अविवाहित हैं उनके खेलों में भाग लेने की अधिक संभावना होती है। अविवाहितों में 54 प्रतिशत खेलों में हिस्सा लेते हैं जबकि ऐसे विवाहित या तलाकशुदा लोगों की संख्या 30 फीसदी है।
इसमें कहा गया है कि 41 प्रतिशत का मानना है कि महिला खिलाड़ी भी पुरुष खिलाड़ियों के समान ही बेहतर हैं। हालांकि सर्वे में भाग लेने वाले तीसरे भारतीय का लगता है कि महिला खिलाड़ी पुरुष खिलाड़ियों की तुलना में अच्छी नहीं होती है।