जैनब रेप केस: लाहौर हाईकोर्ट ने दोषी की मौत की सजा बरकरार रखी
By भाषा | Updated: March 21, 2018 14:44 IST2018-03-21T14:44:19+5:302018-03-21T14:44:19+5:30
सात वर्षीयएक बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या की बर्बर घटना से पूरे देश मेंनाराजगी की लहर दौड़ गई थी। आतंकवाद निरोधी अदालत ने पिछले माह 23 वर्षीय इमरान अली को बच्ची की हत्या, बच्ची के अपहरण, नाबालिग से बलात्कार और नाबालिग के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने का दोषी करार देते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी।

जैनब रेप केस: लाहौर हाईकोर्ट ने दोषी की मौत की सजा बरकरार रखी
लाहौर, 21 मार्च: पाकिस्तान की अदालत ने सात वर्षीयएक बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या की बर्बर घटना के मामले के दोषी की मौत की सजा को बरकरार रखा। इस घटना से पूरे देश मेंनाराजगी की लहर दौड़ गई थी। आतंकवाद निरोधी अदालत ने पिछले माह 23 वर्षीय इमरान अली को बच्ची की हत्या, बच्ची के अपहरण, नाबालिग से बलात्कार और नाबालिग के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने का दोषी करार देते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी।
देश के इतिहास में पहली बार किसी मामले का निपटारा चार दिन के भीतर किया गया था। लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने आतंकवाद निरोधी अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कल अली को मौत की सजा सुनाई। लाहौर से 50 किलोमीटर दूर कसूर शहर में सात वर्षीय बच्ची का बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर शव को कूड़ेदान में फेंकने की दिल दहला देने वाली घटना हुई थी। इसके दो सप्ताह बाद जनवरी में अली को गिरफ्तार किया गया था।
कसूर शहर के 10 किलोमीटर के दायरे में 12 माह के भीतर हुई यह 12वीं ऐसी घटना थी। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ऐसे ही सात और मामले प्रकाश में आए थे। लाहौर हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सदाकत अली खान और न्यायमूर्ति शेहराम सरवर चौधरी की खंडपीठ ने बचाव पक्ष और अभयोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद दोषी करार दिए जाने के खिलाफ अली की अपील खारिज कर दी थी।
अली ने यह भी कहा था कि अपना जुर्म कबूल करके उसने अदालत का समय बचाया है, ऐसे में उसके साथ नरम रूख के साथ पेश आना चाहिए।
दोषी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर सकता है।