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अजब खोज! दुनिया का पहला जीवित रोबोट अब पैदा कर सकता है 'बच्चा', जानें डिटेल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 1, 2021 10:14 IST

दुनिया के पहले 'जीवित रोबोट' को लेकर दावा किया गया है कि ये अब प्रजनन कर सकता है। साल 2020 में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पहली बार जीवित रोबोट को दुनिया के सामने लाया था। इन्हें 'जेनोबोट्स' नाम दिया गया है।

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ठळक मुद्देपिछले साल अमेरिकी वैज्ञानिक जीवित रोबोट 'जेनोबोट्स' को दुनिया के सामने लेकर आए थे।अफ्रीकी मेंढकों के स्टेम कोशिकाओं का इस्तेमाल करते हुए इन्हें बनाया गया है।जेनोबोट्स बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने मेंढक के भ्रूण से जीवित स्टेम कोशिकाओं की मदद ली थी।

न्यूयॉर्क: दुनिया के पहले 'जीवित रोबोट' बनाने वाले अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अब दावा किया है कि ये रोबोट अब प्रजनन भी कर सकते हैं। प्रजनन करने का ये तरीका अलग है जो जानवरों या पेड़-पौधों में अभी तक नहीं देखा गया है। जीवित रोबोट को 'जेनोबोट्स' नाम दिया गया है। 

वैज्ञानिकों ने अफ्रीकी मेंढकों के स्टेम कोशिकाओं का इस्तेमाल करते हुए दुनिया का पहला जीवित, स्व-उपचार रोबोट बनाया था, जिसका खुलासा 2020 में किया गया। जिस अफ्रीकी मेंढक से इसे तैयार किया गया उसे जेनोपस लेवीस (Xenopus laevis) कहा जाता है और वहीं से ऐसे रोबोट का नाम 'जेनोबोट्स' भी पड़ा।

रोबोट में जैविक प्रजनन का नया तरीका

'जेनोबोट्स' को पहली बार 2020 में दुनिया के सामने लाया गया था और इनका साइज बेहद छोटा है। ये रोबोट चल सकते हैं, खुद को ठीक कर सकते हैं और समूह में काम कर सकते हैं। इन्हें वर्मोट विश्वविद्यालय, टफ्ट्स विश्वविद्यालय और हावर्ड विश्वविद्यालय के वायस इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल इंस्पायर्ड इंजीनियरिंग में वैज्ञानिकों ने विकसित किया था।

दिलचस्प ये है कि वैज्ञानिकों ने जानवर या पौधे से अलग जैविक प्रजनन का एक अलग रूप खोजा है। ये रोबोट कई सिंगल कोशिकाओं को जोड़कर अपना शरीर बना सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक इंसान की तरह मेंढक की कोशिकाएं एक शरीर का निर्माण करती हैं। ये एक सिस्टम के रूप में काम करती है।

मेंढक के भ्रूण से लिया जीवित स्टेम सेल

जेनोबोट्स बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने मेंढक के भ्रूण से जीवित स्टेम कोशिकाओं को स्क्रैप किया और उन्हें इन्क्यूबेट करने के लिए छोड़ दिया। स्टेम कोशिकाएं दरअसल विशिष्ट कोशिकाएं होती हैं जिनमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में विकसित होने की क्षमता होती है। प्रोफेसर जोश बोंगार्ड के मुताबिक, ज्यादातर लोग रोबोट को धातु और सिरेमिक से बना मानते हैं लेकिन ये रोबोट अनुवांशिक रूप से अपरिवर्तित मेंढक कोशिकाओं से बना है।

वैज्ञानिकों के अनुसार 'जेनोबोट्स' अभी बहुत शुरुआती तकनीक हैं। इसे आप उदाहरण के तौर पर 1940 के दशक के कंप्यूटर की तरह सोच सकते हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं के अनुसार भविष्य में आणविक जीव विज्ञान (molecular biology) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस संयोजन का उपयोग शरीर और पर्यावरण से जुड़े कई अहम कामों में किया जा सकेगा।

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