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विश्वविद्यालयों में महिलाएं बिना पुरुषों की मौजूदगी वाली कक्षाओं में जारी रख सकती हैं पढ़ाई :तालिबान

By भाषा | Updated: September 12, 2021 21:57 IST

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काबुल, 12 सितंबर (एपी) अफगानिस्तान में नयी तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा है कि महिलाएं स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों सहित विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जारी रख सकती हैं, लेकिन कक्षायें लैंगिक आधार पर विभाजित होंगी और उनके लिये इस्लामी पोशाक पहनना अनिवार्य होगा।

मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में इन नयी नीतियों की रूपरेखा पेश की। इससे कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान के नये शासकों ने पूर्ण तालिबान सरकार के गठन की घोषणा की, जिसमें एक भी महिला सदस्य नहीं है।

शनिवार को तालिबान ने राष्ट्रपति महल पर अपना झंडा लहराया जो नयी सरकार के कामकाम संभाल लेने का संकेत है।

दुनिया की इस तथ्य पर करीबी नजर है कि 1990 के दशक के अंत में पहली बार सत्ता में आने वाला तालिबान अब किस हद तक अलग तरीके से काम कर सकता है। उस वक्त, लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित कर दिया गया था और सार्वजनिक जीवन से बाहर रखा गया था।

तालिबान ने कहा है कि वह बदल गया है, महिलाओं के प्रति उसका दृष्टिकोण भी बदल गया है। हालांकि, महिलाओं पर खेलकूद में उतरने पर पाबंदी लगा दी गयी है। तालिबान ने हाल के दिनों में समान अधिकारों की मांग कर रही महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की है।

हक्कानी ने कहा कि तालिबान 20 साल पीछे नहीं जाना चाहता। उन्होंने कहा, ‘‘हम आज जो हैं, उसपर आगे बढ़ना शुरू करेंगे।”

हालांकि, विश्वविद्यालय की महिला विद्यार्थियों को तालिबान से कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें अनिवार्य ड्रेस कोड भी होगा।

हक्कानी ने कहा कि महिला विद्यार्थियों को हिजाब पहनना होगा, लेकिन इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि इसका मतलब केवल सिर पर स्कार्फ पहनना है या इसमें चेहरा ढकना भी अनिवार्य होगा।

उन्होंने कहा कि लैंगिक विभाजन भी लागू होगा। उन्होंने कहा, “हम लड़के और लड़कियों को साथ पढ़ने की इजाजत नहीं देंगे।” साथ ही कहा, “हम सह-शिक्षा की अनुमति नहीं देंगे।”

हक्कानी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कौन से विषय पढ़ाए जाएंगे, उसकी भी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के विश्वविद्यालयों के स्नातक उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं इस क्षेत्र और दुनिया के विश्वविद्यालय स्नातकों के सामने प्रतिस्पर्धी हों।

इस्लाम की कठोर व्याख्या करने वाले तालिबान ने पिछली बार अपने शासन के दौरान कला एवं संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बार टेलीविजन प्रसारण जारी है और खबरिया चैनलों पर महिला प्रस्तोता अभी नजर आ रही हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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