जिनेवा, 11 अगस्त (एपी) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि वह अन्य बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन दवाइयों का यह देखने के लिए जल्द परीक्षण करेगा कि क्या वे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की भी मदद कर सकती हैं या नहीं।
संगठन ने बुधवार को एक बयान में कहा कि कोविड-19 के संभावित उपचार की पहचान करने के वास्ते किए जा रहे शोध के अगले चरण में तीन दवाई को लिया जाएगा। इन दवाओं का चयन स्वतंत्र समिति करेगी और इसका आधार यह होगा कि क्या उनमें कोरोना वायरस से संक्रमित अस्पताल में भर्ती लोगों की मौत को रोकने की संभावना है या नहीं।
इनमें मलेरिया के इलाज में काम आने वाली ‘आर्टिसुनेट’, कैंसर के इलाज में उपयोगी ‘इमैटिनिब’ और ‘इनफ्लिसिमैब’ हैं जिन्हें वर्तमान में प्रतिरक्षा प्रणाली के रोगों वाले लोगों में उपयोग किया जाता है।
संगठन के कोविड-19 इलाज पर चल रहे अध्यन में पहले चार दवाओं का आंकलन किया गया था। पड़ताल में एजेंसी ने पाया था कि ‘रेमेडेसिविर’ और ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ ने अस्पताल में भर्ती संक्रमितों की मदद नहीं की। संगठन के अनुसंधान में 52 देशों के सैकड़ों अस्पतालों के हजारों शोधार्थी शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा कोविड-19 रोगियों के लिए अधिक प्रभावी और सुलभ इलाज खोजना एक अहम जरूरत है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।