क्या आप जानते हैं कौन थीं जासूस नूर इनायत खान, जल्द ही ब्रिटेन के नोटों पर छप सकती हैं इनकी तस्वीर
By मेघना वर्मा | Published: October 23, 2018 11:14 AM2018-10-23T11:14:05+5:302018-10-23T11:15:59+5:30
Noor Inayat Khan: दूसरे वर्ल्ड वॉर के समय वह नर्स के रूप में काम कर रही थी। धीरे-धीरे उनके सभी साथियों को मार दिया गया था। एक समय ऐसा भी आया कि वो अकेली बच गई थीं।
भारत में भले ही बॉलीवुड के हीरो और हीरोइन को क्रेज हो मगर देश में कई ऐसे रीयल लाइफ हीरो भी रहे हैं जिन्होंने भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। भारत ही एक ऐसा देश है जिसने कई वीर सपूत पैदा किए हैं जिन्होंने बिना कुछ मांगे बस देश की सेवा में अपना जीवन निकाल दिया है। उन्हीं वीर सपूतों और रीयल हीरों में से एक हैं नूर इनायत खान।
भारतीय मूल की ब्रिटिश जासूस रही नूर के जज्बे को सलाम करते हुए ब्रिटेन उनका सम्मान करने वाला है। आपको बता दें ब्रिटने में इन दिनों एक मुहिम चलाई जा रही है जिसके तहत लोगों ने मांग की है कि 2020 में 50 पाउंड के नए नोट पर नूर इनायत खान की फोटो लगनी चाहिए। आइए आपको बताते है कौन हैं नूर इनायत खान।
भारतीय मूल की है नूर इनायत
भारतीय मूल की नूर इनायत खान का जन्म 1914 में मॉस्को में हुआ था। इनकी मां रशियन और पिता भारतीय थे। इनके पिता टीपू सुल्तान के वंशज थे। नूर ने न सिर्फ फ्रांस में ब्रिटेन की तरफ से जर्मनी और हिटलर के खिलाफ जासूसी की बल्कि उनकी नाक में दम कर दिया।
इनायत खान को 10 महीने तक फ्रांस ने कड़ी यातनाएं दी जिसके बाद भी उन्होंने कोई राज नहीं उगले। उनकी इसी वीरता के लिए ब्रिटेन ने उन्हें दूसरे सबसे बड़े सम्मान जॉर्ज क्रॉस से सम्मानित किया।
क्यों गई ब्रिटेन की ओर से हिटलर की जासूसी करने
कई लोग इस बात पर कंन्फ्यूज हो सकते हैं कि भारतीय मूल की होने के बाद नूर ब्रिटेन की तरफ से हिटलर की जासूसी करने क्यें गई। बताया जाता है कि नूर के पिता इनायत खान को ही पश्चिमी देशों में इस्लाम की सूफी धारा का प्रचार करने वाले थे। ऐसे में उन्होंने कई देशों के दौरे किए। इसी दौरान उनकी और नूर की मुलाकात एक अमेरिकी महिला से हुई। चूंकि नूर का परिवार फ्रांस और ब्रिटेन में रहता था जिसकी वजह से नूर को फ्रेंच भाषा सीखा।
पिता की मौत के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। इसके बाद नूर ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठाई। नूर ने एक फ्रेंच रेडियो में भी काम किया। 1943 में जासूसी के लिए उन्हें रेडियो ऑपरेटर बना कर फ्रांस भेजा गया। जहां उन्होंने हिटलर के खिलाफ जासूसी की।
जब मार दिए गए नूर के सभी साथी
दूसरे वर्ल्ड वॉर के समय वह नर्स के रूप में काम कर रही थी। धीरे-धीरे उनके सभी साथियों को मार दिया गया था। एक समय ऐसा भी आया कि वो अकेली बच गई थीं मगर ऐसे में भी उनका हौसला नहीं टूटा। वह ब्रिटेन की एक ऐसी महिला बन गई थीं जो खराब हालातों में अपने देश के लिए काम कर रही थीं।
13 अक्टूबर को आखिरकार पकड़ी गई नूर
नाजियों के खिलाफ काम कर रही नूर को 13 अक्टूबर को पकड़ लिया गया।
जिसके बाद 10 महीनों तक उन्हें तड़पाया गया कई यातनाएं दी गई मगर उन्होंने अपने देश के खिलाफ एक भी राज नहीं खोले। आखिरकार 11 सितंबर 1944 को गोली मार दी गई। अपने देश को समर्पित नूर इनायत खान को ब्रिटिश आज भी सम्मान की नजरों से देखते हैं।
इस मामले पर शशि थरूर ने भी ट्वीट किया है और नूर इनायत के बारे में जानकारी दी।
Want to see an Indian woman, a war hero, on the new British £50 note? Sign this petition! https://t.co/L0JVlXQjH6.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 21, 2018