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100 साल के केन्याई पुरुष ने जब किंग चार्ल्स से मांगा हर्जाना, जानें फिर क्या हुआ....

By आकाश चौरसिया | Updated: October 30, 2023 15:47 IST

साल 1952 में केन्याई लोगों ने एक इवेंट क्वीन एलिजाबेथ के लिए कबिलाई लोगों ने एक प्रोग्राम रखा था। इस दौरान उस व्यक्ति ने रानी के लिए गाना भी गाया, लेकिन रानी नहीं पहुंच सकी।

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ठळक मुद्देब्रिटेन किंग से 100 वर्षीय केन्याई व्यक्ति ने मांगा हर्जानालेकिन, अभी ब्रिटेन की ओर से नहीं मिली मंजूरीअब मंगलवार से किंग केन्या राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं

नई दिल्ली: बास साल 1952 की है, जब केन्या में रानी एलिजाबेथ वहां पहुंची थीं। केन्या के किबोर चेरुइयोट नगासुरा ने उस दौरान अपने ग्रुप के साथ उनके लिए इवेंट का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने गाना भी रानी के लिए गाया था। यह पूरा आयोजन  विकटोरिया झील के निकट हुआ था।

लोगों ने इस अवसर का उपयोग एलिजाबेथ से अपने माता-पिता को बंजर, मच्छरों से प्रभावित शहर ग्वासी के एक नजरबंदी शिविर से दूसरी जगह ले जाने के लिए याचिका दी थी। जहां, कबीले के सदस्यों को ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध भड़काने के संदेह में लगभग दो दशक से रखा था। यह नियम उस समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद के द्वारा बनाया गया था। 

असल में यह संभव होना ही था कि उससे पहले एलिजाबेथ विक्टोरिया को पता चला कि उनके पिता किंग जॉर्ज चतुर्थ की मृत्यु हो गई। उन्हें लंदन पहुंचना पड़ा। 70 से अधिक वर्षों के बाद, एलिजाबेथ के बेटे किंग चार्ल्स इस हफ्ते आधिकारिक यात्रा पर केन्या जाएंगे। नगासुरा जो अब 100 साल का हो गया है उसने यह संदेश उन्हें भेजा था। 

नगासुरा ने कहा, उनकी यह इच्छा जाहिर की है कि उस दौरान किए  सूचित करना चाहता हूं कि कठिनाई के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए, जिन परिस्थितियों में उन्होंने गुजारा किया। उन्होंने रॉयटर्स को बताया कि घास की पहाड़ी पर एक छोटी लकड़ी और लोहे की संरचना जिसमें दो लाइटबल्ब और कोई बहता पानी नहीं था। 

बकिंघम पैलेस ने कहा है कि चार्ल्स की यात्रा, जो मंगलवार से शुरू हो रही है और इसके जरिए यूके और केन्या के बीच साझा इतिहास के दर्दनाक पहलुओं को स्वीकार करेगी। 1963 में केन्या की स्वतंत्रता हासिल करने से पहले ब्रिटिशों ने छह दशकों से अधिक समय तक वहां शासन किया था। लेकिन, पश्चिम केन्या में कुछ समुदाय ने तो उपजाऊ ऊंचे इलाकों में कुछ समुदायों के लिए, ब्रिटिश उपनिवेशवाद के कारण से ऐतिहासिक यादें ताजा हो जाती हैं।

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