नई दिल्ली: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अमेरिका के दावा को खारिज करते हुए कहा कि रूस पहले से ही स्पेस में किसी भी प्रकार के न्यूक्लियर वेपन की तैनाती के विरुद्ध है और इसे लेकर रूस कभी सपोर्ट नहीं करता। उनके इस बात पर रूस के रक्षा मंत्री ने सहमति जताते हुए किसी भी परमाणु हथियार के विकास को लेकर इनकार किया। हालांकि, अमेरिका की ओर से दावा किया गया था रूस ने अंतरिक्ष से मार करने वाले एंटी-सैटेलाइट परमाणु हथियार को स्थापित कर तैनात कर सकता है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इससे सैन्य संचार से मिलने वाली जानकारी और फोन के सिग्नल में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। पुतिन ने अपने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से कहा, "हमारी स्थिति स्पष्ट और पारदर्शी है, हम हमेशा अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती के स्पष्ट रूप से खिलाफ रहे हैं और अब भी इसके खिलाफ हैं।"
पुतन ने कहा, हमने इससे जुड़े समझौते का अनुपालन करते हुए ऐसे किसी भी बात का समर्थन नहीं किया है, लेकिन इससे जुड़े किसी भी प्रस्ताव को मजबूत बनाने की कोशिश की है। पुतिन ने अपनी बातों को बढ़ाते हुए कहा कि रूस की अंतरिक्ष में किसी भी तरह की गतिविधि उन्हीं देशों की तरह रहती है, जैसे कि अमेरिका मानता है।
वाशिंगटन का मानना है कि मॉस्को एंटी-सैटेलाइट परमाणु हथियार को लेकर ऐसा कुछ हथियार विकसित कर रहा है। इस बात को व्हाइट हाउस से जुड़े प्रवक्ता ने अपने कमेंट में कही, उन्होंने आगे ये भी कहा था कि इसके चलते यह ऑउटर स्पेस संधि का उल्लंघन है।
1967 की संधि1967 की संधि हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका भी हैं। इसमें कहा गया कि पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में परमाणु हथियार या किसी अन्य प्रकार के सामूहिक विनाश वाले परमाणु हथियार या किसी भी अन्य हथियार के विकास को रोकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट दी है कि अमेरिकी खुफिया जानकारी रूस के अंतरिक्ष-आधारित एंटी-सैटेलाइट परमाणु हथियार विकसित करने के प्रयासों से संबंधित थी।