ब्रिटेन की लेखिका वर्जीनिया वुल्फ की गुरुवार (25 जनवरी) को 136वीं जयंती मनाई जा रही है। इस दौरान गूगल ने भी गूगल डूडल बनाकर याद उन्हें याद किया है। दरअसल, वर्जीनिया वुल्फ ब्रिटेन की महान लेखिका थीं। उनका जन्म 25 जनवरी, 1882 को लंदन में हुआ था। वर्जीनिया वुल्फ का असली नाम एडेलीन वर्जिनिया वुल्फ था।
वर्जीनिया वुल्फ ने अपने जीवन में कई कहानियां लिखीं, जो बहुत प्रचलित हुईं और बाद में उन पर फिल्में भी बनीं। उनके पिता सर स्टीफन इतिहासकार और पर्वतारोही थे, जबकि मां जूलिया स्टीफन थीं। उनकी पढ़ाई किंग्स कॉलेज लंदन में हुई और महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा को लेकर आवाज उठाने वाली कतार में वे सबसे अग्रणी महिलाओं में एक थीं।
कहा जाता है कि वर्जिनिया वर्जीनिया वुल्फ के घर में पढ़ने-लिखने माहौल जबरदस्त था, यही वजह थी कि उनका भी रुझान शुरू से ही लिखने-पढ़ने में रहा। बचपन से अंग्रेजी और विक्टोरियन लिटरेचर में रुचि रही। उनकी पहली किताब 1904 में पब्लिश हुई थी, उसी साल जब उनके पिता की मौत हुई थी।
उनकी जिन किताबों पर फिल्में बनी थीं उनमें ऑरलैंडो और मिसेज डॉलवे हैं। साथ ही उनकी कई कहानियों को टीवी पर दर्शाया गया। इसके अलावा वीटा और वर्जिनिया लेटर्स पर फिलहाल पोस्ट प्रोडक्शन में काम किया जा रहा है।
साल 1940 में दूसरे विश्वयुद्ध दौरान नाजियों के हमला किया था। इस समय वुल्फ दंपती को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। वुल्फ के पति लियोनार्ड यहूदी थे। इस बात से नाजी उनके पति से बहुत नफरत करते थे। वहीं, हमले के दौरान उनका प्रेस भी नष्ट कर दिया गया था। इसके बाद वर्जीनिया वुल्फ को काफी तकलीफ हुई थी और वह अवसाद में चली गई थीं। जिसके बाद वर्जीनिया वुल्फ ने 28 मार्च 1949 में नदी में छलांग लगाकर जीवन लीला समाप्त कर दी थी।