पीएम मोदी के दौरे के बीच H-1B वीजा को लेकर ढील देने जा रहा बाइडन प्रशासन? भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना हो सकता है आसान: रिपोर्ट
By मनाली रस्तोगी | Published: June 22, 2023 11:04 AM2023-06-22T11:04:13+5:302023-06-22T11:05:24+5:30
विदेश विभाग गुरुवार को जल्द ही घोषणा कर सकता है कि एच-1बी वीजा पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी विदेश यात्रा किए बिना, अमेरिका में उन वीजा को नवीनीकृत कर सकेंगे।
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर हैं। इस बीच एच-1बी वीजा को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। बाइडन प्रशासन भारतीयों के लिए अमेरिका में रहने और काम करने को आसान बना सकता है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मामले से परिचित तीन लोगों ने यह जानकारी साझा की।
विदेश विभाग गुरुवार को जल्द ही घोषणा कर सकता है कि एच-1बी वीजा पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी विदेश यात्रा किए बिना, अमेरिका में उन वीजा को नवीनीकृत कर सकेंगे। यह एक पायलट कार्यक्रम का हिस्सा है जिसे आने वाले वर्षों में विस्तारित किया जा सकता है।
भारतीय नागरिक अब तक यूएस एच-1बी कार्यक्रम के सबसे सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और वित्तीय वर्ष 2022 में लगभग 442,000 एच-1बी कर्मचारी में से 73 प्रतिशत भारतीय नागरिक हैं। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "हम सभी मानते हैं कि हमारे लोगों की गतिशीलता हमारे लिए एक बड़ी संपत्ति है और इसलिए हमारा लक्ष्य इसे एक प्रकार से बहुआयामी तरीके से अपनाना है।"
उन्होंने आगे कहा, "विदेश विभाग पहले से ही चीजों में बदलाव लाने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है।" विदेश विभाग के प्रवक्ता ने उन सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि कौन से प्रकार के वीज़ा योग्य होंगे या पायलट लॉन्च का समय क्या होगा। पायलट कार्यक्रम की योजना पहली बार फरवरी में ब्लूमबर्ग लॉ द्वारा रिपोर्ट की गई थी।
हर साल अमेरिकी सरकार कुशल विदेशी वर्कर्स की तलाश करने वाली कंपनियों को 65,000 एच-1बी वीजा उपलब्ध कराती है, साथ ही उन्नत डिग्री वाले वर्कर्स के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा उपलब्ध कराती है। वीजा तीन साल तक चलता है और इसे अगले तीन साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हाल के वर्षों में सबसे अधिक एच-1बी कर्मचारियों का उपयोग करने वाली कंपनियों में भारत स्थित इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ-साथ अमेरिका में अमेजन, अल्फाबेट और मेटा शामिल हैं।