अल-कायदा के नंबर दो आतंकवादी का पता लगाने और मारने के लिए अमेरिका, इजराइल ने मिलकर काम किया
By भाषा | Published: November 15, 2020 09:58 AM2020-11-15T09:58:13+5:302020-11-15T09:58:13+5:30
वाशिंगटन, 15 नवंबर (एपी) अमेरिका और इजराइल ने इस साल ईरान में अल-कायदा के एक आतंकवादी का पता लगाने और उसे मारने के लिए मिलकर काम किया था। दोनों सहयोगी देशों ने यह बड़ा खुफिया अभियान ऐसे समय में चलाया जब ट्रंप प्रशासन तेहरान पर दबाव बढ़ा रहा था।
अमेरिका के चार पूर्व और वर्तमान अधिकारियों ने कहा कि अल-कायदा के दूसरे नंबर के आतंकवादी अबू मोहम्मद अल-मसरी को अगस्त में ईरान की राजधानी में मार गिराया गया था।
इनमें से दो अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने इजराइली अधिकारियों को इस बारे में खुफिया सूचना दी कि अल-मसरी कहां मिल सकता है, वहीं इजराइली एजेंटों ने इस काम को अंजाम दिया। दो अन्य अधिकारियों ने अल-मसरी के मारे जाने की पुष्टि की लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं दे सके।
अल-मसरी को तेहरान में सात अगस्त को मार गिराया गया। 1998 में सात अगस्त के दिन ही नैरोबी, कीनिया, दार अस सलाम और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों में बम हमले हुए थे।
माना जाता है कि अल-मसरी उन हमलों की साजिश में शामिल था और एफबीआई के वांछित आतंकवादियों की सूची में था।
अल-मसरी के मारे जाने से अल-कायदा को झटका लगा है और संगठन के नेता अयमन अल-जवाहिरी को लेकर पश्चिम एशिया में चल रही अफवाहों के बीच यह खबर आई है। इसी आतंकी संगठन ने 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हमलों को अंजाम दिया था।
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