यूएस-ईरान तनाव मामला: अमेरिका ने अपने अधिकारियों को तत्काल इराक छोड़ने को कहा
By विनीत कुमार | Published: May 15, 2019 02:14 PM2019-05-15T14:14:16+5:302019-05-15T14:14:16+5:30
अमेरिका की ओर से यह निर्देश पिछले हफ्ते के उस बयान के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि उसे ईरान की ओर से नये खतरे की सूचना मिली है जिसमें अमेरिकी और अमेरिकी रूचि वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया जा सकता है।
अमेरिका ने ईरान के साथ जारी तनाव के बीच अपने सभी गैर-जरूरी, गैर-तात्कालिक सरकारी कर्मचारियों को इराक छोड़ने के निर्देश जारी किये हैं। इराक के अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट पर जारी 'अलर्ट' के अनुसार कहा गया है कि कर्मचारियों को जितनी जल्दी हो सके इराक छोड़ना शुरू कर देना चाहिए।
अमेरिका ये निर्देश इस लिहाज से अहम है कि इराक दरअसल ईरान का पड़ोसी देश है। अमेरिका की ओर से यह निर्देश पिछले हफ्ते के उस बयान के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि उसे ईरान की ओर से नये खतरे की सूचना मिली है जिसमें अमेरिकी और अमेरिकी रूचि वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया जा सकता है। अमेरिका ने बढ़ते तनाव के बीच रविवार को अपने नागरिकों को इराक नहीं जाने की सलाह भी जारी की थी।
STATE DEPARTMENT ORDERS DEPARTURE OF 'NON-EMERGENCY U.S. GOVERNMENT EMPLOYEES' FROM IRAQ -STATEMENT
— Reuters Iran (@ReutersIran) May 15, 2019
ईरान- अमेरिका के बीच जंग का खतरा!
वैसे, इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के साथ कोई युद्ध नहीं होने जा रहा। यह जानकारी उनकी अधिकारिक वेबसाइट पर दी गई है।
सरकारी अधिकारियों को दिए एक भाषण में खामेनी ने कहा कि तेहरान और अमेरिका के बीच जो हुआ वह एक सैन्य मुठभेड़ के बजाय संकल्प का परीक्षण था। खामेनी डॉट आइआर वेबसाइट ने उनके हवाले से कहा है कि कोई युद्ध नहीं होने जा रहा है। ना तो हम और ना ही वह (अमेरिका) युद्ध चाहता है। वे जानते हैं कि यह उनके हित में नहीं है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी मंगलवार को कहा कि अमेरिका ईरान से युद्ध नहीं चाहता। हालांकि उन्होंने कहा कि तेहरान पर दबाव बनाकर रखा जाएगा। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सोमवार को उस खबर को खारिज कर दिया कि वह ईरान पर दबाव बनाने के लिए 1,20,000 सैनिकों को भेजने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने भविष्य में सैनिकों को भेजने से इनकार नहीं किया।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बराक ओबामा प्रशासन के दौरान ईरान के साथ किये गये न्यूक्लियर डील के खत्म किये जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। अमेरिका ने एक बार फिर से ईरान पर कठोर प्रतिबंध लगा दिये हैं। साथ ही अमेरिका ने भारत-चीन सहित कई देशों को ईरान से तेल खरीदने को लेकर दी गई छूट खत्म कर दी है।
(भाषा इनपुट के साथ)