संयुक्त राष्ट्र दानदाताओं ने संकटग्रस्त अफगान लोगों के लिए 1.2 अरब डॉलर की मदद का किया संकल्प
By भाषा | Published: September 14, 2021 10:21 AM2021-09-14T10:21:54+5:302021-09-14T10:21:54+5:30
जिनेवा, 14 सितंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान और क्षेत्र में अन्य जगहों पर मानवीय संकटों का सामना कर रहे 1.1 करोड़ अफगान लोगों की मदद के लिए सोमवार को 1.2 अरब डॉलर की मदद का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख के संकटग्रस्त एवं गरीब देश में सत्ता स्थापित करने के तालिबान शुरुआती कदमों को लेकर चिंता व्यक्त करने के बाद यह आह्वान किया गया।
तालिबान के अफगानिस्तान को पिछले महीने अपने नियंत्रण में लेने के बाद पश्चिमी देशों की सरकारों, बड़े दाताओं और अन्य ने पहली बार एक उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन किया। इसमें इन्होंने 60.6 करोड़ डॉलर से अधिक धनराशि की मदद का संकल्प किया, जिसका इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र इस साल के अंत तक मानवीय संकट का सामना कर रहे अफगान के लोगों की मदद के लिए करेगा।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने घोषणा की कि मंत्रिस्तरीय बैठक में मानवीय एवं विकास सहायता में 1.2 अरब डॉलर की मदद करने का संकल्प किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें ‘‘तत्काल मांगे’’ गए 60.6 करोड़ डॉलर शामिल हैं, साथ ही अफगान संकट के लिए एक क्षेत्रीय प्रतिक्रिया भी शामिल है, जिसके बारे में संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी ममलों के प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने अघोषित यात्रा पर काबुल पहुंचने के बाद बात की थी।
उन्होंने ट्वीट किया कि वह मानवीय जरूरतों और 35 लाख विस्थापित अफगान लोगों की स्थिति का आकलन करेंगे, जिसमें केवल इस साल विस्थापित हुए 5,00,000 से अधिक लोग शामिल हैं।
शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) के अधिकारियों ने इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की है कि अधिक अफगान पड़ोसी पाकिस्तान और ईरान में शरण ले सकते हैं, जहां पहले से ही बड़ी संख्या में अफगान लोग हैं, जो पिछले दशकों के युद्ध के दौरान अपने देश से भाग गए थे।
ग्रिफिथ्स ने दानदाताओं से सोमवार को लिए संकल्पों को जल्द से जल्द नकद योगदान में बदलने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘ वित्त पोषण अफगान के लोगों को एक नया जीवन देगा’’ जिनके पास भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा की कमी है। उन्होंने कहा कि बैठक में अफगान के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई गई, लेकिन ‘‘अफगानिस्तान को आगे एक लंबा और कठिन रास्ता तय करना है’’ और इस ‘‘सफर का अंत बहुत दूर है।
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