Ukraine-Russia Crisis: अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन रूसी तेल के आयात पर लगाएंगे बैन, अर्थव्यवस्था पर कसेंगे शिकंजा, चीन ने किया पलटवार

By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 8, 2022 20:06 IST2022-03-08T19:53:18+5:302022-03-08T20:06:53+5:30

Ukraine-Russia Crisis: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ वार्ता में यूक्रेन के खिलाफ हमले के लिए रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए इसे सभी पक्षों के लिए ‘‘नुकसानदेह’’ बताया।

Ukraine-Russia Crisis US President Joe Biden decided ban Russian oil imports economy invasion Ukraine china attack | Ukraine-Russia Crisis: अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन रूसी तेल के आयात पर लगाएंगे बैन, अर्थव्यवस्था पर कसेंगे शिकंजा, चीन ने किया पलटवार

बाइडन ने कहा कि रूस के खिलाफ एक्शन और तेज करेंगे। यूरोप के कई देश ने रूस का विरोध किया है। 

Highlightsअमेरिका और उसके सहयोगी देशों को संघर्ष को भड़काने के लिए दोषी ठहराया है। चीन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को इच्छुक है।चीन किस तरह संघर्ष का समाधान करना चाहता है।

Ukraine-Russia Crisis: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाएंगे। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के जवाब में रूसी अर्थव्यवस्था पर शिकंजा कसेंगे। बाइडन ने कहा कि रूस के खिलाफ एक्शन और तेज करेंगे। यूरोप के कई देश ने रूस का विरोध किया है। 

रूसी हमले के मद्देनजर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से कई बार रूसी आयात में कटौती का अनुरोध किया है, जिसके बाद अमेरिका यह कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। रूस के वित्तीय क्षेत्रों पर कई कड़े प्रतिबंध लगाने के बावजूद ऊर्जा निर्यात के जरिए रूस के पास नकदी का प्रवाह जारी है।

सूत्रों ने बताया कि बाइडन मंगलवार को ही रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने संबंधी घोषणा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय देश काफी हद तक ऊर्जा आपूर्ति के लिए रूस पर निर्भर हैं। यूरोप अपनी खपत की करीब एक-तिहाई प्राकृतिक गैस रूस से लेता है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ वार्ता में यूक्रेन के खिलाफ हमले के लिए रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए इसे सभी पक्षों के लिए ‘‘नुकसानदेह’’ बताया। चीन ने रूस का समर्थन करते हुए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को संघर्ष को भड़काने के लिए दोषी ठहराया है।

चीन संयुक्त राष्ट्र में इस विषय पर मतदान से भी दूर रहा कि क्या मास्को की उसके कृत्यों के लिए निंदा की जानी चाहिए। मंगलवार के संवाद के बारे में चीनी सरकारी प्रसारक ‘सीसीटीवी’ के मुताबिक शी ने संघर्ष पर गहरा दुख जताया और सभी पक्षों से शांति वार्ता में हिस्सा लेने का आग्रह करते हुए कहा कि चीन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को इच्छुक है।

चीन किस तरह संघर्ष का समाधान करना चाहता है

शी ने कोई संकेत नहीं दिया कि चीन किस तरह संघर्ष का समाधान करना चाहता है और उन्होंने केवल वही विवरण दिया जो प्रतिबंधों के प्रभाव से संबंधित था। शी के हवाले से कहा गया ‘‘हम संकट के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहते हैं। वैश्विक वित्त, ऊर्जा संसाधनों, परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला स्थिरता पर प्रतिबंधों के प्रभाव के संबंध में, पहले से ही महामारी के बोझ से दबी वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, यह सभी पक्षों के लिए हानिकारक है।’’

जापान ने रूस और बेलारूस के 32 और व्यक्तियों की संपत्ति पर रोक लगा दी

जापान ने रूस और बेलारूस के 32 और व्यक्तियों की संपत्ति पर रोक लगा दी है। जापान ने मंगलवार को रूस के जिन 20 व्यक्यिों की संपत्ति पर रोक लगाई उनमें चेचेन रिपब्लिक के प्रमुख रमजान कादिरोव, उप सेना प्रमुख, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार के प्रेस सचिव और स्टेट पार्लियामेंट के उपाध्यक्ष शामिल हैं।

इसके अलावा जापान ने बेलारूस के जिन 12 अधिकारियों और व्यापार कार्यकारियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें बेलारूस की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष विक्टर लुकाशेंको भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि जापान रूस के लिये तेल रिफाइनरी उपकरण और बेलारूस के लिये सामान्य प्रयोजन के सामान के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा रहा है जिसका इस्तेमाल देश की सैन्य क्षमता को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है।

(इनपुट एजेंसी)

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