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तुर्की-सीरिया भूकंपः 24,000 के पार पहुंची मृतकों की संख्या, पेशाब पीकर मलबे में जिंदा रहे किशोर को निकाला गया बाहर

By अनिल शर्मा | Updated: February 11, 2023 07:59 IST

 भूकंप के 100 घंटों से भी अधिक समय के बाद बचाव और राहत कर्मियों ने उस समय राहत की सांस ली जब उन्होंने खराब मौसम और कड़ाके की सर्दी के बावजूद मलबे में कई लोगों को जिंदा निकालने में सफलता हासिल की।

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ठळक मुद्देराष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने तुर्की में शुक्रवार कई लोगों को मलबे से निकालने में कामयाब रहे। तुर्कि के इस्केंदेरुन में बचावक्रमियों ने मलबे के नीचे 101 घंटे तक दबे रहे छह लोगों को शुक्रवार सुबह जिंदा निकाल लिया।

कहारनमारस:  तुर्की-सीरिया भूकंप में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 24,000 को पार कर गई। बचाव दलों ने शुक्रवार मलबों से कई बच्चों और परिवारों को निकाला। भूकंप के 100 घंटों से भी अधिक समय के बाद बचाव और राहत कर्मियों ने उस समय राहत की सांस ली जब उन्होंने खराब मौसम और कड़ाके की सर्दी के बावजूद मलबे में कई लोगों को जिंदा निकालने में सफलता हासिल की। बचाए गए लोगों में छह रिश्तेदार भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने भूकंप प्रभावित तुर्की में एक ढही हुई इमारत के मलबे से आठ साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं, एक किशोर को भी सुरक्षित निकाला गया जो अपना पेशाब पीकर जिंदा रहा और साथ ही एक चार साल के बच्चे को भी निकाला गया है। एक खोज और बचावकर्मी मूरत बेगुल ने बताया कि इन छह लोगों को ध्वस्त इमारत के भीतर बची एक छोटी सी जगह में एक साथ रहने से जीवित बच पाने में मदद मिली। सभी छह लोग रिश्तेदार हैं।

गौरतलब है कि क्रमश: 7.8 और 7.5 तीव्रता के आए भूकंप के दो बड़े झटकों से तुर्की और सीरिया में भारी तबाही हुई है और 24 हजार से भी अधिक लोगों की मौत हुई है। तुर्कि के इस्केंदेरुन में बचावक्रमियों ने मलबे के नीचे 101 घंटे तक दबे रहे छह लोगों को शुक्रवार सुबह जिंदा निकाल लिया।

एर्दोगन ने शुक्रवार को तुर्की के आदियामान प्रांत का दौरा किया, जहां उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार की प्रतिक्रिया उतनी तेज नहीं थी जितनी कि हो सकती थी। उन्होंने कहा, "हालांकि अभी हमारे पास दुनिया में सबसे बड़ा खोज और बचाव दल है, लेकिन यह एक वास्तविकता है कि खोज के प्रयास उतने तेज नहीं हैं जितना हम चाहते थे।"  14 मई और उनके विरोधियों ने उन पर हमला करने के लिए इस मुद्दे पर कब्जा कर लिया है। आपदा के कारण अब चुनाव टल सकता है।

 

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