यूएई ने भारत को सौंपे 5 संदिग्ध आतंकी, ISIS से जुड़े होने का शक, एक यूपी का निवासी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 1, 2018 10:54 AM2018-03-01T10:54:21+5:302018-03-01T10:54:21+5:30
संयुक्त अरब अमीरात की खुफिया एजेंसियों ने इन युवकों की बातचीत पर निगरानी रखी थी। रिपोर्ट के अनुसार सभी संदिग्ध इस्लामिक स्टेट के सम्पर्क में थे।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े होने आरोपी पाँच भारतीयों को भारत को सौंपा है। टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार ने अपनी विशेष रिपोर्ट में दावा किया है दो हफ्ते पहले भारतीय नरेंद्र मोदी के यूएई दौरे के बाद ही ये फैसला लिया गया था। इन सभी पाँचों संदिग्धों से भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ पूछताछ कर रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से एक उत्तर प्रदेश के निवासी बताया जा रहा है। यूपी के युवक का नाम रेहान अबीदी बताया जा रहा है। दो युवक मुंबई के और दो चेन्नई के बताए जा रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सभी संदिग्धों की उम्र 20 से 25 साल के बीच है। सभी संदिग्ध एक-दूसरे से परिचित भी हैं। संयुक्त अरब अमीरात की खुफिया एजेंसियों ने इन संदिग्धों की बातचीत की निगरानी में पाया था कि वो जिहाद के लिए और लोगों की भर्ती की बात किया करते थे। यूएई की एजेंसियों ने बताया कि ये सभी संदिग्ध इस्लामिक स्टेट के शीर्ष आतंकवादियों के सम्पर्क में थे।
, जिसमें वे अधिक के लिए जेहाद को भर्ती करने और भारत के खिलाफ अपनी योजनाओं पर चर्चा कर रहे थे। ये सभी इस्लामी राज्य के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में भी थे। रिपोर्ट के अनुसार इन पांच लड़कों ने 18- 1 9 वर्ष की उम्र में उमरा (हज से पहले किया जाने वाला तीर्थ) किया था। सभी संदिग्ध कट्टरपंथी इस्लाम में यकीन रखते हैं। पिछले साल भी केरल और तमिलनाडु के कुछ ऐसे ही संदिग्ध आतंकवादियों को दुबई, अबू धाबी और तुर्की से भारत भेजा गया था।
भारती खुफिया एजेंसियाँ रेहान अबीदी के जरिए उसके दूसरे साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है। अधिकारी ने बताया है कि हमें अभी तक ये पता नहीं लग पाया है कि भारत में किस मॉड्यूल का वे हिस्सा थे। वहीं, एजेंसियों ने रेहान अबीदी के अलावा चार संदिग्धों के नामों को उजागर करने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के अध्यक्ष शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयन से फरवरी में अपनी राजकीय यात्रा पर मुलाकात की थी, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवाद के खिलाफ एक दूसरे की मदद की बात भी कही थी।