टिकटॉक ने इस साल अमेरिका में अब तक अपनी हेट स्पीच नीतियों के उल्लंघन पर 3.80 लाख वीडियो हटाए हैं। छोटे वीडियो के फॉर्मेट वाले इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ओर से गुरुवार को इस संबंध में जानकारी दी गई। टिकटॉक ने ये भी कहा कि उसने नफरत वाले कंटेट डालने को लेकर 1300 अकाउंट भी बैन किए हैं।
टिकटॉक पर चीन की कंपनी बाइटडांस का मालिकाना हक है और हाल में भारत के इस पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका में भी इसे लेकर काफी चर्चा हुई है। कोविड-19 के बाद चीन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के लगातार आक्रामक रवैये की वजह से भी टिकटॉक चर्चा में रहा है।
बहरहाल, टिकटॉक ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि उसने लगातार उन कंटेट के खिलाफ काम किया है जिसमें नस्लवाद और इससे संबंधित उत्पीड़न की बात हुई है। साथ ही कंपनी ने ये भी बताया कि सुनियोजित तरीके से नफरत फैलाने वाले ग्रुप के खिलाफ भी उसने कदम उठाए हैं।
ये चीनी ऐप किशोरों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा है। युवा यूजर्स मोबाइल पर छोटे वीडियो क्लिप भेजन के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में एंटी-डिफेमेशन लीग द्वारा एक समीक्षा में कहा गया था कि इसका इस्तेमाल गोरे लोगों के वर्चस्व संबंधी बातें और हेट स्पीच जैसी बातों को फैलाने के लिए किया जा रहा है।
टिकटॉक को लेकर ट्रंप हैं सख्त
ये भी दिलचस्प है कि हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार टिकटॉक को लेकर बयानबाजी करते नजर आए हैं। टिकटॉक पर चीन को यूजर्स के डाटा देने के भी आरोप लगे हैं। हालांकि, टिकटॉक इससे इनकार करता रहा है।
वहीं, ट्रम्प ने चीन की कंपनी बाइटडांस को 90 दिन में अमेरिका में अपनी उन सभी संपत्तियों को बेचने का आदेश दिया है जिनके सहारे कंपनी लोकप्रिय मोबाइल ऐप का अमेरिका में परिचालन करती है।
ट्रम्प ने कहा कि उन्हें ‘ऐसे कुछ विश्वसनीय साक्ष्य’ मिले हैं जिससे उन्हें यकीन होता है कि चीनी कंपनी बाइटडांस कुछ ऐसे काम कर सकती है जिनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को क्षति पहुचने का खतरा होगा।
इन सबके बीच टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ बातचीत की भी चर्चा है। ट्रंप ने इस वीडियो ऐप पर पाबंदी की चेतावनी दी थी जिसके बाद इसकी अमेरिका की किसी कंपनी को बिक्री की चर्चा शुरू हो गयी। टिकटॉक का दावा है कि दुनियाभर में उसके करोड़ों उपयोगकर्ता हैं और अमेरिका में 10 करोड़ लोग ऐप का इस्तेमाल करते हैं।