जिनेवा, 26 फरवरी भारत ने शुक्रवार को कहा कि यह मानवाधिकार परिषद की उपलब्धियों और विफलताओं का आकलन करने और संयुक्त राष्ट्र के संगठन को मजबूत करने और उसमें सुधार करने के तरीकों पर विचार करने का समय है ताकि उसे अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सके।
मानवाधिकार परिषद के 46वें सत्र में उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट के मौखिक अद्यतन का जवाब देते हुए, भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत इंद्र मणि पांडेय ने कहा कि वैश्विक प्रगति और मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए भारत का दृष्टिकोण स्वयं के अनुभव पर आधारित है क्योंकि भारत एक समावेशी और बहुलवादी समाज और एक धर्मनिरपेक्ष राजनीति के साथ एक जीवंत लोकतंत्र है।
पांडेय ने कहा, "हमारे संविधान ने बुनियादी मानवाधिकारों को मौलिक अधिकारों के रूप में सुनिश्चित किया है। हमारी चौकस संसद, स्वतंत्र न्यायपालिका, जीवंत मीडिया और सक्रिय नागरिक समाज ने हमारे लोगों को मिले मानव अधिकारों को पूरी तरह से संभव बनाने में योगदान दिया है।
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Web Title: The time has come to assess the UNHRC's achievements and failures: India
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