(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, पांच फरवरी सिंगापुर के पहले एशियाई पोस्टमास्टर-जनरल और भारतीय मूल के एक दिग्गज समुदायिक नेता एम बाला सुब्रमणियन का उनके आवास पर उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी मिली।
द स्ट्रेट्स टाइम्स की खबर के मुताबिक, वह 103 वर्ष के थे और 5 मार्च को 104 वर्ष के हो जाते।
रिपोर्ट के अनुसार, सुब्रमणियन का बुधवार शाम उनके आवास पर निधन हो गया। उनके परिवार में 87 वर्षीय पत्नी सुमित्रा बाला सुब्रमणियन, एक बेटी और दो नातिन हैं।
उनके निधन से एक दिन पहले ही सुब्रमणियन और उनकी पत्नी ने अपनी शादी के 55 साल पूरे होने का जश्न मनाया था।
वह अपने अंतिम दिनों में जापानी भाषा सीख रहे थे।
रिपोर्ट में उनकी पत्नी के हवाले से कहा गया है, ‘‘वह बेहद पढ़ते थे और उनको कविता बहुत पसंद थी। वह उमर खय्याम की कविताओं के बहुत बड़े प्रशंसक थे।’’
सुब्रमणियन 1936 में औपनिवेशिक डाक सेवा विभाग में परिवीक्षाधीन क्लर्क के रूप में सार्वजनिक सेवा से जुड़े थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, उन्होंने ब्रिटेन में दो साल की छात्रवृत्ति पर डाक प्रणाली का अध्ययन किया। कुछ वर्षों तक वहाँ काम करने के बाद, वह 1955 में डाक सेवा विभाग में सहायक लेखानियंत्रक बनकर लौटे।
नीलांजना सेनगुप्ता द्वारा लिखी गई सुब्रमणियन की जीवनी, ‘सिंगापुर, माय कंट्री’ का अनावरण जुलाई 2016 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री थर्मन शनमुगरत्नम ने फुलर्टन होटल में किया था।
1957 में वह सिंगापुर के पहले स्थानीय डाक लेखानियंत्रक बने।
वह 1967 में पहले एशियाई पोस्टमास्टर-जनरल बने, जो मुख्य कार्यकारी अधिकारी के समकक्ष होता है। वह 1971 में सेवानिवृत्त होने तक इस पद पर रहे। 1965 में सिंगापुर के पहले राष्ट्रपति दिवंगत यूसुफ इशाक ने उन्हें लोक सेवा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया था।
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