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चीन से जान बचाकर भागे उइगर मुसलमानों के लिए थाईलैंड की जेल भी किसी नर्क से कम नहीं, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 28, 2022 15:56 IST

चीन से अपनी जान बचाकर भागे लगभग 50 से अधिक उइगर मुसलमान अब भी थाई हिरासत में हैं और उन्हें भय है कि थाइलैंड वापस चीन को सौंप सकता है।

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ठळक मुद्देचीन के शिनजियांग में हुए भारी उत्पीड़न के बाद कई उइगर मुसलमानों ने भागकर थाईलैंड पहुंचे थे लेकिन थाइलैंड में उन्हें बंदी बनाकर जेलों में रखा गया है, जहां उनकी हालत बेहद खराब हैअमेरीका और संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक थाइलैंड में लगभग 59 उइगर बंद है, जिन्हें चीन वापसी का भय है

बैंकॉक:चीन में भयानक यातना झेलने वाले उइगर मुसलमानों के लिए थाईलैंड भी किसी भयावह नर्क से कम नहीं है। चीन से अपनी जान बचाकर लगभग 50 से अधिक उइगर मुसलमान अब थाई हिरासत में जेल की सजा काट रह हैं। जानकारी के मुताबिक जेल में बेहद खराब हालत में रह रहे उइगर जेल बंदियों को चीन वापसी का भय भी बना हुआ है।

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक चीन के शिनजियांग में 90 के दशक में चीनी प्रशासन द्वारा उइगर मुसलमानों के खिलाफ कई गंभीर मानवाधिकारों हनन का आरोप लगे थे, जिसे अमेरिका द्वारा मुस्लिम अल्पसंख्यकों का "नरसंहार" करार दिया गया था।

वहीं सयुक्त राष्ट्र द्वारा बीते अगस्त में उइगर मुसलमानों से संबंधित एक रिपोर्ट में बताया गया कि चीन में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर बड़े पैमाने पर उइगरों को हिरासत में लेकर उन्हें यातना दिया जाता है और उनसे जबरन श्रम करवाया जाता है।

अमेरिकी पर्यवेक्षकों का कहना है इस कारण बीते कुछ वर्षों में कई उइगर मुसलमान अपनी जान बचाकर चीन से भाग गए थे। इनमें से कुछ म्यांमार होते हुए थाईलैंड पहुंचे। लेकिन वहां दर्जनों लोग नजरबंदी में फंस गए हैं। साल 2013 और साल 2014 में गिरफ्तार किए गए उइगरों मुसलमानों के एक समूह को इस समय थाईलैंड के आव्रजन केंद्रों में रखा गया है, जहां अधिकारी उनके बारे में विचार कर रहे हैं।

इस संबंध में अमेरिकी सिनेटर का कहना है कि थाइलैंड में उन बंदियों का कहां रखा गया है। इसकी सटीक जानकारी उनके पास नहीं है और न ही ठीक तरह से उनकी संख्या का अंदाजा लगाया सकता है। इस संबंध में थाई अधिकार संगठनों का कहना है कि कुल 52 उइगर मुसलमान बंदी है, जबकि अमेरिकी सिनेटर का कहना है कि उनकी संख्या 59 हो सकती है।

शिनजियांग के रहने वाले 35 साल के युवा उइगर अब्दुल्ला सामी, जो चीन से थाईलैंड के रास्ते भागे थे और अब ऑस्ट्रिया में रहता हैं। उनका थाइलैंड में बंद कुछ उइगरों से संपर्क में रहा है। अब्दुल्ला सामी का कहना है कि उनकी स्थिति बेहद भयानक है। 

उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि सारे बंदी थाइलैंड में इस दहशत में जी रहे हैं कि अगर उन्हें कभी चीन वापस भेजा गया, तो वहां उनका फिर से उत्पीड़न किया जाएगा। सामी का कहना है कि बंदी उइगरों का यह डर बेकार नहीं है क्योंकि इससे पहले साल 2015 में थाई सरकार ने अमेरिका के अपील के बावजूद लगभग 109 उइगरों को जबरन चीन भेज दिया, जहां उन पर अमानवीय अत्याचार किया गया था।

थाईलैंड के उस कदम की अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से कड़ी निंदा की थी और कहा था कि थाइलैंड ने उइगरों को वापस चीन भेजकर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।

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