आतंक पर और नकेल कसे पाकिस्तान, यूएस ने कहा-जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद पर सख्त हो कार्रवाई, उठाए कदम महत्वपूर्ण हैं लेकिन स्थायी नहीं
By भाषा | Updated: May 21, 2020 14:42 IST2020-05-21T14:42:15+5:302020-05-21T14:42:15+5:30
अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा कि आतंकवाद पर उठाए गए कदम को और कड़ा करना होगा। पाकिस्तान में कई आतंकी रह रहे हैं। इमरान सरकार को और कड़ा कदम उठाना होगा।

पाकिस्तान द्वारा हाल ही में उठाए गए आतंकवाद रोधी कदम महत्वपूर्ण है लेकिन स्थायी नहीं हैं। (file photo)
वाशिंगटनः अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन आतंकवादी समूहों का सफाया करने के लिए ‘‘विश्वसनीय कदम’’ उठाने के वास्ते इस्लामाबाद पर दबाव बना रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद द्वारा जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के अभियोजन और दोषसिद्धि जैसे आतंकवाद रोधी हाल में उठाए कदम महत्वपूर्ण तो हैं लेकिन स्थायी नहीं हैं। दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की निवर्तमान प्रधान उप सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने वाशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल से कहा कि अमेरिका ऐसे व्यावहारिक कदमों को बढ़ावा देता है कि जो भारत और पाकिस्तान अपने द्विपक्षीय तनाव को कम करने के लिए उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा हाल ही में उठाए गए आतंकवाद रोधी कदम महत्वपूर्ण है लेकिन स्थायी नहीं हैं। वेल्स ने बुधवार को कहा, ‘‘मैं इन कदमों को स्थायी नहीं मानती लेकिन ये महत्वपूर्ण कदम हैं। चाहे हाफिज सईद का अभियोजन और दोषसिद्धि हो, संपत्तियों को कुर्क करना हो, हमें इस पर ध्यान केंद्रित करने और हमारे अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करने की आवश्यकता है।’’
भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा के साथ चर्चा में भाग लेते हुए वेल्स ने यह भी कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर उन व्यावहारिक कदमों का समर्थन करते रहेंगे जिसे भारत और पाकिस्तान तनाव कम करने के लिए उठा सकते हैं और साथ ही पाकिस्तान पर आतंकवादी समूहों के खात्मे के लिए विश्वसनीय कदम उठाने का दबाव बनाते रहेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका परमाणु संपन्न देश पाकिस्तान को महत्वपूर्ण साझेदार मानता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन आतंकवाद के मुद्दे पर अंधा नहीं है।
वेल्स ने कहा, ‘‘प्रशासन का आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख है।’’ अमेरिका लगातार पाकिस्तान से अपनी सरजमीं पर आतंकवादी समूहों को मुहैया कराए जा रहे समर्थन और पनाहगाह को खत्म करने के लिए कहता आ रहा है। वेल्स ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद द्वारा जम्मू कश्मीर में किए पुलवामा आतंकवादी हमले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया से पाकिस्तान पर काफी दबाव बना। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। यह हर किसी के लिए चिंताजनक था। लेकिन भारत की उसकी प्रतिक्रिया के लिए आलोचना नहीं की गई।
साथ ही मुख्य सहयोगियों या साझेदारों या पाकिस्तान के मित्रों ने उसकी आलोचना नहीं की क्योंकि इस बात को लेकर काफी चिंता थी कि अराजक तत्वों को वैश्विक सुरक्षा को अस्थिर करने दिया जा रहा है।’’ इससे पहले वेल्स ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा था कि 2018 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा सुरक्षा सहायता निलंबित करने से पाकिस्तान की ओर देश के रुख में अहम बदलाव आया।