अफ्रीका में आतंकवाद, अस्थिरता सुरक्षा परिषद को इस बात की याद दिलाते हैं कि कार्रवाई की छूट क्यों नहीं मिलनी चाहिए: जयशंकर

By भाषा | Updated: May 19, 2021 20:14 IST2021-05-19T20:14:16+5:302021-05-19T20:14:16+5:30

Terrorism, instability in Africa remind the Security Council why action should not be relaxed: Jaishankar | अफ्रीका में आतंकवाद, अस्थिरता सुरक्षा परिषद को इस बात की याद दिलाते हैं कि कार्रवाई की छूट क्यों नहीं मिलनी चाहिए: जयशंकर

अफ्रीका में आतंकवाद, अस्थिरता सुरक्षा परिषद को इस बात की याद दिलाते हैं कि कार्रवाई की छूट क्यों नहीं मिलनी चाहिए: जयशंकर

संयुक्त राष्ट्र, 19 मई भारत ने बुधवार को कहा कि अफ्रीका के सामने बाकी दुनिया की तरह आने वाली आतंकवाद और अस्थिरता की समस्याएं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस बात की याद दिलाती हैं कि कट्टरपंथ के केंद्र बन गये क्षेत्रों को छूट के साथ कार्रवाई करने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक खुले विचार-विमर्श के दौरान अपने संबोधन में कहा कि अफ्रीका में शांति और सुरक्षा पर खुली बहस की पहल समय पर की गयी है जिसमें महामारी से उबरते हुए विवाद की जड़ों पर ध्यान केंद्रित करना है।

जयशंकर ने ‘अफ्रीका में शांति और सुरक्षा: अफ्रीका में महामारी से उबरते हुए संघर्ष के मूल कारणों पर ध्यान केंद्रित करना’ विषय पर कहा, ‘‘बाकी दुनिया की तरह अफ्रीका के सामने भी आतंकवाद और अस्थिरता की समस्याएं हैं। यह सुरक्षा परिषद को इस बात की याद दिलाता है कि कट्टरपंथ के केंद्र बन गये क्षेत्रों को छूट के साथ कार्रवाई की अनुमति क्यों नहीं मिलनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण सूडान, सोमालिया, आबेयी, पश्चिमी सहारा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में भारत की शांतिरक्षण मौजूदगी के माध्यम से अफ्रीका को भारत का समर्थन व्यक्त किया गया है।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत सतत वित्तपोषण के साथ अफ्रीका में आतंकवाद निरोधक कार्रवाई को समर्थन करने के लिए अध्याय सात के तहत आदेश के लिए महासचिव के आह्वान का समर्थन करता है।

विदेश मंत्री ने भारत और अफ्रीका के बीच मजबूत तथा गहन एकजुटता को रेखांकित किया और कहा कि यह वैश्विक दक्षिण के बंधन को झलकाता है।

उन्होंने कहा कि भारत-अफ्रीका फोरम शिखरवार्ता के माध्यम से, जी77 और गुट-निरपेक्ष आंदोलन में नयी दिल्ली की करीबी साझेदारी व्यक्त की गयी है। जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में ही करीबी संबंध पूरी तरह जाहिर हैं।

उन्होंने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता से अफ्रीका को अलग करने के फैसले को दु:खद बताया।

जयशंकर ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए लगातार अफसोस की बात है कि अफ्रीका की आवाज को सबसे महत्वपूर्ण संस्थान में उसका उचित हक नहीं मिला है।

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Web Title: Terrorism, instability in Africa remind the Security Council why action should not be relaxed: Jaishankar

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