अमेरिका और अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है तालिबान: अफगान विदेश मंत्री

By भाषा | Updated: December 14, 2021 14:21 IST2021-12-14T14:21:46+5:302021-12-14T14:21:46+5:30

Taliban wants good relations with US and other countries: Afghan foreign minister | अमेरिका और अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है तालिबान: अफगान विदेश मंत्री

अमेरिका और अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है तालिबान: अफगान विदेश मंत्री

काबुल, 14 दिसंबर (एपी) अफगानिस्तान के नए शासक लड़कियों, महिलाओं को शिक्षा व नौकरी प्रदान करने के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध हैं। साथ ही वे अपने पिछले शासन के तौर-तरीकों को बदलना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पूरी दुनिया उन लाखों अफगानों की मदद कर ''दया और करुणा'' दिखाएं, जिन्हें इस समय सहायता की सख्त जरूरत है। तालिबान के एक शीर्ष नेता ने एक साक्षात्कार में यह बातें कहीं।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने एसोसिएटिड प्रेस (एपी) को दिये साक्षात्कार में यह भी कहा कि तालिबान की सरकार सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहती है और अमेरिका से उसे कोई परेशानी नहीं है।

उन्होंने अमेरिका और अन्य देशों से 10 अरब अमेरिकी डॉलर के कोष को जारी करने का आग्रह किया, जिसपर 15 अगस्त को तालिबान के सत्ता में आने के बाद रोक लगा दी गई थी।

मुत्तकी ने राजधानी काबुल में स्थित विदेश मंत्रालय के भवन में रविवार को दिये साक्षात्कार के दौरान कहा, ''अफगानिस्तान पर पाबंदियां लगाने का कोई फायदा नहीं होगा।''

उन्होंने कहा, ''अफगानिस्तान को अस्थिर करना या अफगानिस्तान सरकार का कमजोर होना किसी के हित में नहीं है। ''

सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि ''अफगानिस्तान के पास बहुत कम भंडार बचा है।''

उन्होंने कहा कि स्थिति में जल्द बदलाव की कोई सूरत नजर नहीं आ रही। साकी ने कहा कि अमेरिकी धन अब देश में 9/11 हमलों के पीड़ितों पर खर्च होगा। इन हमलों को अल-कायदा ने अंजाम दिया था और तालिबान पर अफगानिस्तान में अलकायदा को फलने-फूलने देने का आरोप है।

उन्होंने कहा कि अगर धन जारी किया भी गया तो भी वाशिंगटन यह सुनिश्चित करेगा कि इससे तालिबान को कोई फायदा न हो। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने कहा है कि धन दान के माध्यम से जा रहा है न कि तालिबान के माध्यम से।

इस बीच, मुत्तकी ने लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं के नौकरी करने पर तालिबान के प्रतिबंधों को लेकर दुनिया की नाराजगी स्वीकार की।

तालिबान अधिकारियों ने कहा है कि वे इस्लाम के अनुसार स्कूलों और कार्यस्थलों में लिंग के आधार पर अलग-अलग व्यवस्था करना चाहते हैं और इसके लिये उन्हें समय चाहिये।

साल 1996 से 2001 के बीच तालिबान के पिछले शासन में लड़कियों और महिलाओं के स्कूल व नौकरी पर जाने पर रोक लगा दी गई थी, जिससे पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई थी। इसके अलावा मनोरंजन व खेल कार्यक्रमों पर भी पाबंदी लगाई गई थी।

मुत्तकी ने कहा कि तालिबान पिछले शासन के बाद से बदल गया है।

उन्होंने कहा कि तालिबान के नए शासन के दौरान देश के 34 में से 10 प्रांतों में लड़कियां 12वीं कक्षा तक के स्कूलों में जा रही हैं। निजी स्कूल और विश्वविद्यालय निर्बाध रूप से चल रहे हैं। और पहले स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर चुकीं 100 प्रतिशत महिलाएं काम पर वापस आ गई हैं।

मुत्तकी ने कहा, ''यह दर्शाता है कि हम महिला भागीदारी के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध हैं।''

मुत्तकी ने अमेरिकी नौसेना के जनरल फ्रैंक मैकेंजी की टिप्पणियों को खारिज कर दिया, जिन्होंने पिछले हफ्ते 'एपी' से कहा था कि अमेरिकी सेना के जाने के बाद से अल-कायदा ने अफगानिस्तान में थोड़े पैर पसारे हैं। मैकेंजी मध्य पूर्व में वाशिंगटन के शीर्ष सैन्य कमांडर हैं।

मुत्तकी ने रविवार को कहा कि तालिबान ने अगस्त में अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के अंतिम चरण में उनपर पर हमला नहीं करने के वादे को निभाया है।

उन्होंने कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात पर (हमेशा) आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन कोई सबूत नहीं होता। यदि मैकेंजी के पास कोई सबूत है तो उन्हें इसे पेश करना चाहिये। मुझे लगता है कि यह आरोप निराधार है।''

मुत्तकी ने उम्मीद जतायी कि समय के साथ अमेरिकी धीरे-धीरे अफगानिस्तान को लेकर अपनी नीति में बदलाव लाएगा।

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Web Title: Taliban wants good relations with US and other countries: Afghan foreign minister

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