तालिबान का प्रोपेगैंडा वीडियो आया सामने, अमेरिकी सेना की वर्दी पहने दिखे लड़ाके
By विनीत कुमार | Published: August 30, 2021 09:19 AM2021-08-30T09:19:12+5:302021-08-30T09:24:41+5:30
तालिबान लड़ाके आमतौर पर पारंपरिक कपड़ों और एके-47 असॉल्ट राइफलों में देखे जाते हैं। हालांकि ताजा वीडियो में वे सेना की वर्दी पहने नजर आ रहे हैं।
काबुल: तालिबान ने ऐसे वीडियो जारी किए हैं, जिसमें उसके लड़ाके अमेरिका में बने सैन्य उपकरण और वर्दी में नजर आ रहे हैं। आशंका है कि ये अमेरिका सैनिकों के वे हथियार और वर्दी हैं जो तालिबान के हाथ लग गए हैं।
बैकग्राउंड में बज रहे म्यूजिक के साथ ये वीडियो तालिबान से जुड़े कुछ ऑनलाइन चैनलों पर प्रसारित किया गया है। साथ ही इसमें कहा गया है कि तालिबान ने काबुल में अहम स्थानों की सुरक्षा के लिए 'बदरी 313 ब्रिगेड' से अपने सैनिकों को तैनात किया है।
'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान लड़ाके आमतौर पर पारंपरिक कपड़ों और एके-47 असॉल्ट राइफलों में देखे जाते हैं। हालांकि अब इन्हें एम4 और एम-16 असॉल्ट राइफलें, बुलेटप्रूफ कपड़ों और नाइट विजन गॉगल्स वाले हेलमेट पहने देखा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक ये यूनिट कथित तौर पर उच्च प्रशिक्षित और अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों से लैस नजर आ रही है।
بدري ۳۱۳ قطعه
— Qari Saeed Khosty (@SaeedKhosty) August 17, 2021
د ارګ او د کابل ښار د حساسو سیمو امنیت په غاړه لري pic.twitter.com/dSSgnuAUbM
तालिबान के इस वीडियो में बदरी 313 ब्रिगेड के सैनिकों को अमेरिकी विशेष बलों के सैन्य हेलमेट के साथ नाइट विजन गॉगल्स के साथ देखा जा सकता है। वे ऐसे आईवियर भी पहने हुए हैं जो किसी से अचानक हुए चमक से आंखों को बचाने में मदद करता है।
बादरी 313 इकाई का नाम कथित तौर पर करीब 1400 साल पहले बद्र की लड़ाई के नाम पर रखा गया है जब पैगंबर मोहम्मद ने सिर्फ 313 लोगों के साथ दुश्मनों को हराया था।
अमेरिकी साजो-सामान और हथियारों पर तालिबान का कब्जा
एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अफगानिस्तान में जो कुछ भी नष्ट नहीं किया जा सका, वह अब तालिबान के हाथ में है।
एक अन्य अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि हालांकि अभी तक कोई निश्चित संख्या नहीं है, पर वर्तमान खुफिया आकलन यह कहता है कि तालिबान ने करीब 2,000 से अधिक बख्तरबंद वाहनों को अपने कब्जे में कर लिया है।
इसमें यूएस हमवीस और करीब 40 एयरक्राफ्ट हैं। इनमें यूएच -60 ब्लैक हॉक्स, स्काउट अटैक हेलीकॉप्टर और स्कैनईगल सैन्य ड्रोन आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने सैन्य क्षेत्र में 2002 और 2017 के बीच खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए बंदूकें, रॉकेट, नाइट-विजन गॉगल्स और यहां तक कि छोटे ड्रोन सहित अफगान सेना पर अनुमानित 28 बिलियन डॉलर खर्च किए।