तालिबान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान में सैन्य अड्डे पर किया हमला, तीन की मौत, पांच अन्य कर्मी घायल
By भाषा | Published: September 1, 2020 01:41 PM2020-09-01T13:41:11+5:302020-09-01T13:41:11+5:30
पाकिता प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता ने अब्दुल रहमान मंगल ने कहा कि इस हमले में पांच अन्य कर्मी घायल हो गए। मंगल ने बताया कि प्रांत की राजधानी गारदेज में कार सवार एक आत्मघाती हमलावर ने अड्डे के प्रवेश द्वार को निशाना बनाया और इसी दौरान दो बंदूकधारी सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने लगे।
काबुलः अफगानिस्तान में तालिबान के आतंकवादियों ने मंगलवार सुबह पूर्वी अफगानिस्तान में एक सैन्य अड्डे पर हमला किया। इसमें लोक सुरक्षा बल के कम से कम तीन कर्मियों की मौत हो गई।
पाकिता प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता ने अब्दुल रहमान मंगल ने कहा कि इस हमले में पांच अन्य कर्मी घायल हो गए। मंगल ने बताया कि प्रांत की राजधानी गारदेज में कार सवार एक आत्मघाती हमलावर ने अड्डे के प्रवेश द्वार को निशाना बनाया और इसी दौरान दो बंदूकधारी सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने लगे।
उन्होंने बताया कि 10 मिनट तक दोनों ओर से हुई गोलीबारी में सुरक्षाबलों ने दोनों हमलावरों को मार गिराया और क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि गारदेज में हुए हमले की जिम्मेदारी समूह लेता है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शांति वार्ता के लिए बने एक परिषद में 46 सदस्यों की नियुक्ति के बाद यह हमला हुआ है, यह परिषद अब तालिबान के साथ शांति समझौते को लेकर अंतिम फैसला लेगी। हालांकि तालिबान के साथ वार्ता को लेकर बेहद अनिश्चितताएं हैं।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने तालिबान के साथ शांति समझौते को लेकर परिषद का गठन किया
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय सुलह के लिए एक परिषद का गठन किया है जो कि अंतिम तौर पर यह बताएगी कि क्या सरकार तालिबान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेगी अथवा नहीं? जिसके बाद विद्रोहियों के साथ लंबी और अनिश्चित सौदेबाजी वाली वार्ता होने की उम्मीद है। युद्धग्रस्त देश का भविष्य तय करने के लिए फरवरी में हस्ताक्षरित अमेरिकी-तालिबान शांति समझौते के तहत वार्ता की परिकल्पना की गई थी। हालांकि, शुरुआत में इसमें काफी रुकावटें भी सामने आई थीं।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को 46 सदस्यीय परिषद का गठन करने का आदेश जारी किया, जिसका नेतृत्व पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला करेंगे। अब्दुल्ला वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री हैं। यह परिषद उस 21 सदस्यीय वार्ता दल से इतर है जिसका गठन गनी ने मार्च में किया था।
परिषद ही उन बिंदुओं पर अंतिम फैसला लेगी जिन पर वार्ता दल तालिबान के साथ बातचीत करेगा। राष्ट्रीय सुलह के लिए गठित उच्च स्तरीय परिषद में वर्तमान एवं पूर्व राजनीतिक हस्तियां शामिल हैं। इसमें नौ महिला प्रतिनिधि भी शामिल हैं। गनी ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को भी परिषद में नामित किया था लेकिन हामिद ने रविवार को बयान जारी कर इसका हिस्सा बनने से इंकार करते हुए कहा कि वह किसी भी सरकारी ढांचे का हिस्सा बनने को तैयार नहीं हैं।