काबुल:अफगानिस्तान में तालिबान हालात बदतर होते जा रहे हैं। अफगान सरकार के लिए रविवार को उस समय मुश्किलें और बढ़ गईं जब देश का मुख्य पूर्वी शहर जलालाबाद भी तालिबान के कब्जे में आ गया। इस तरह काबुल अब देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान लड़ाकों को जलालाबाद पर कब्जा जमाने में खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
जलालाबाद के बाद काबुल एकमात्र बड़ा और मुख्य शहर अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकार के हाथ में रह गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार जलालाबाद में एक अफगान अधिकारी ने बताया, 'जलालाबाद में अभी कोई लड़ाई नहीं हो रही है क्योंकि सरकार ने तालिबान के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है। तालिबान को रास्ता दे देना ही नागरिकों की जान बचाने का एकमात्र तरीका था।'
तालिबान ने रविवार सुबह कुछ तस्वीरें भी ऑनलाइन जारी कीं जिनमें उसके लोगों को नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के दफ्तर में देखा जा सकता है। वहीं, प्रांत के सांसद अबरारुल्ला मुराद ने एसोसिएटिड प्रेस न्यूज एजेंसी को बताया कि चरमपंथियों ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया है।
अमेरिका भेज रहा है 5000 सैनिक
अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते वर्चस्व के बीच अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने वहां मौजूद अपने राजनयिक स्टाफ की मदद के लिए सैनिकों को भेजा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की व्यवस्थित एवं सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए युद्धग्रस्त देश में 5,000 बलों की तैनाती का आदेश दिया है।
बाइडन और अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस की थी, जिसके बाद राष्ट्रपति ने यह घोषणा की।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के 1,000 कर्मी पहले से अफगानिस्तान में हैं और पिछले सप्ताह 3,000 और कर्मियों को भेजे जाने का आदेश दिया गया। राष्ट्रपति ने शनिवार को 1,000 और कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया, यानी अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों की संख्या 5,000 हो गई है।
(भाषा इनपुट)