'ताइवान चीनी क्षेत्र है अमेरिका का हिस्सा नहीं'- बांग्लादेश दौरे पर बोले चीन के विदेश मंत्री वांग यी
By आजाद खान | Published: August 8, 2022 07:23 AM2022-08-08T07:23:17+5:302022-08-08T07:49:49+5:30
ताइवान चीन के विवाद पर चीनी सेना ने अपने सैन्य अभ्यास पर बोलते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य लंबी दूरी के हवाई और जमीनी हमलों का अभ्यास करना है।
US China:चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने ताइवान और चीन के मुद्दे पर अमेरिका को जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि ताइवान संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह चीनी क्षेत्र है। वांग यी ने यह भी कहा कि अमेरिका ताइवान को लेकर अपनी 'छूठी दलीले' देना बन्द करे।
आपको बता दें चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यह बयान रविवार को दिया है जब वे बांग्लादेश के दौरे के लिए आए है। बांग ने ताइवान को लेकर चीन की कार्रवाई को सही ठहराया है और इसे न्यायसंगत, उचित और कानूनी बताया है।
क्या कहा चीनी विदेश मंत्री ने
अपने बांग्लादेश दौरे पर बोलते हुए चीन के विदेश मंत्र वांग यी ने कहा कि ताइवान पर कार्रवाई देश की पवित्र संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के उद्देश्य से की गई। उधर, ताइवान का कहना है कि ताइवान जलडमरूमध्य के आस-पास चीनी विमानों, जहाजों और ड्रोन को देखा गया है।
ऐसे में इस पर बोलते हुए ताइवान की सरकारी 'सेंट्रल न्यूज एजेंसी' ने बताया है कि ताइवान भी चीनी सेना के अभ्यास का जवाब देने के लिए मंगलवार और गुरुवार को अभ्यास करेगी। खबर के अनुसार, ताइवान यह अभ्यास दक्षिणी पिंगतुंग काउंटी में करेगी।
क्या कहना है चीनी सेना का
आपको बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की यात्रा के बाद से लेकर अब तक चीन सैन्य अभ्यास जारी किए हुए है। इस पर चीनी सेना का कहना है कि इस अभ्यास का उद्देश्य लंबी दूरी के हवाई और जमीनी हमलों का अभ्यास करना है। हालांकि चीनी सेना ने अभी यह साफ नहीं किया है कि क्या यह अभ्यास रविवार को भी जारी रहेगा या नहीं रहेगा।
गौरतलब है कि चीन के विदेश मंत्र वांग यी ने बांग्लादेश (Bangladesh) पहुंचकर वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) और विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन (Abdul Momen) से मुलाकात की थी।
ताइवान को लेकर क्या कहना है चीन का
चीन शुरू से यह दावा करता है कि ताइवान उसका हिस्सा है और ऐसे में जरूरत पड़ने पर वह ताइवान को बलपूर्वक भी हासिल कर सकता है। ऐसे में चीन नहीं चाहता है कि कोई विदेशी अधिकारी ताइवान का दौरा करे और इसका विरोध करते रहता है।
जब चार दिन पहले नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था तो चीन नाराज हो गया था और उसके बाद से ही ताइवान जलडमरूमध्य के आस-पास अपने सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है।