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श्रीलंका में प्रदर्शनों के बीच 'सर्वदलीय सरकार' बनाने की तैयारी, राष्ट्रपति ने विपक्ष को सरकार में शामिल होने का दिया न्योता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 4, 2022 12:10 IST

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने विपक्षी पार्टियों को सरकार में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने अपील की है कि श्रीलंकाई संसद में मौजूद विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधित्व मंत्री पद हासिल करें और देश को संकट से उबारने के लिए मिलकर काम करें।

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ठळक मुद्देश्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने विपक्षी पार्टियों को मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता दिया।रविवार को श्रीलंका के सभी 26 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पद पर कायम हैं।गोटाबाया राजपक्षे ने संसद में मौजूद सभी पार्टियों से साथ मिलकर काम करते हुए श्रीलंका को संकट से उबारने की अपील की है।

कोलंबो: भीषण आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में सर्वदलीय सरकार बनाने की कोशिश तेज हो गई है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने विपक्षी पार्टियों को सरकार में शामिल होने का न्योता दिया है। राष्ट्रपति ने संसद में मौजूद सभी पार्टियों के प्रतिनिधि को मंत्री पद लेकर देश को संकट से उबारने के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील की है। श्रीलंका के खराब हालात के मद्देनदर लोगों को जबर्दस्त गुस्सा और देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच राष्ट्रपति के इस्तीफे की भी मांग हो रही है।

ऐसी संभावना है कि श्रीलंका में लोगों के गुस्से को शांत करने की सरकार की कोशिशों के बीच आज ही नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई जा सकती है। रविवार को देश के सभी 26 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसमें प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे भी शामिल थे। 

शिक्षा मंत्री एवं सदन के नेता दिनेश गुणवर्धने ने पत्रकारों से कहा कि कैबिनेट मंत्रियों ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, हालांकि उन्होंने सामूहिक तौर पर इस्तीफे दिए जाने का कोई कारण नहीं बताया। 

गौरतलब है कि लोगों में देश की आर्थिक स्थिति को संभाल नहीं पाने को लेकर सरकार के प्रति बहुत आक्रोश है। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से सरकार द्वारा कथित रूप से 'गलत तरीके से निपटे जाने' को लेकर मंत्रियों पर जनता का भारी दबाव था।

देश में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके बावजूद रविवार शाम को व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। पिछले कई सप्ताह से देश की जनता को ईंधन और रसोई गैस के लिए लंबी कतारों में खड़े होने के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। राजपक्षे ने अपनी सरकार के कदमों का बचाव करते हुए कहा है कि विदेशी मुद्रा का संकट उनके द्वारा नहीं पैदा किया गया है और आर्थिक मंदी काफी हद तक महामारी के कारण आई है।

(भाषा इनपुट)

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