चीन और पाकिस्तान को श्रीलंका ने दिया झटका, विदेश सचिव जयनाथ कोलंबेज बोले- पहले 'इंडिया फर्स्ट' और सभी सामरिक हितों की सुरक्षा करेगा

By भाषा | Updated: August 26, 2020 21:11 IST2020-08-26T21:11:50+5:302020-08-26T21:11:50+5:30

कोलंबेज ने कहा कि श्रीलंका अपनी नयी क्षेत्रीय विदेश नीति के तौर पर ‘‘पहले भारत दृष्टिकोण' अपनाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि श्रीलंका ऐसा कुछ भी नहीं करेगा जो भारत के रणनीतिक सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक हो।’’

Sri Lanka will adopt 'India first' policy, says Foreign Secretary calls Hambantota deal with China a mistake | चीन और पाकिस्तान को श्रीलंका ने दिया झटका, विदेश सचिव जयनाथ कोलंबेज बोले- पहले 'इंडिया फर्स्ट' और सभी सामरिक हितों की सुरक्षा करेगा

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पहले भारत दृष्टिकोण अपनाएंगे। (file photo)

Highlightsराष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें 14 अगस्त को विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था।एडमिरल कोलंबेज पहले ऐसे विदेश सचिव बने हैं जिनकी सैन्य पृष्ठभूमि है।‘‘पहले भारत दृष्टिकोण’’ अपनाएगा और नयी दिल्ली के सामरिक सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा।

कोलंबोः श्रीलंका के विदेश सचिव जयनाथ कोलंबेज ने देश में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच इसको लेकर चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि श्रीलंका अपनी नयी विदेश नीति के तौर पर ‘‘पहले भारत दृष्टिकोण’’ अपनाएगा और नयी दिल्ली के सामरिक सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा।

एडमिरल कोलंबेज पहले ऐसे विदेश सचिव बने हैं जिनकी सैन्य पृष्ठभूमि है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें 14 अगस्त को विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था। ‘डेली मिरर’ में बुधवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में कोलंबेज ने कहा कि श्रीलंका अपनी नयी क्षेत्रीय विदेश नीति के तौर पर ‘‘पहले भारत दृष्टिकोण' अपनाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि श्रीलंका ऐसा कुछ भी नहीं करेगा जो भारत के रणनीतिक सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक हो।’’

कोलंबेज 2012-14 के बीच श्रीलंका की नौसेना के प्रमुख रहे और बाद में विदेशी नीति विश्लेषक बन गए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पहले भारत दृष्टिकोण अपनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘चीन दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत को छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है। 2018 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था थी। इसका मतलब है कि हम दो आर्थिक दिग्गजों के बीच हैं।’’

उन्होंने कहा कि श्रीलंका यह स्वीकार नहीं कर सकता, उसे स्वीकार नहीं करना चाहिए और वह स्वीकार नहीं करेगा कि उसका इस्तेमाल किसी अन्य देश-विशेष तौर पर भारत के खिलाफ कुछ करने के लिए किया जाए। चीन द्वारा हंबनटोटा बंदरगाह में निवेश पर कोलंबेज ने कहा कि श्रीलंका ने हबंनटोटा की पेशकश पहले भारत को की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने जिस भी कारण से उसे नहीं लिया और तब वह एक चीनी कंपनी को गया।’’ कोलंबेज ने कहा, ‘‘अब हमने हंबनटोटा बंदरगाह की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी चाइना मर्चेंट होल्डिंग कंपनी को दे दी है। वह व्यावसायिक गतिविधियों तक सीमित होना चाहिए। यह सैन्य उद्देश्यों के लिए बिल्कुल भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पोर्ट वर्कर ट्रेड यूनियनों के विरोध के बावजूद, राष्ट्रपति राजपक्षे कोलंबो पोर्ट के पूर्वी टर्मिनल को लेकर भारत के साथ हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन पर आगे बढ़ेंगे। 

Web Title: Sri Lanka will adopt 'India first' policy, says Foreign Secretary calls Hambantota deal with China a mistake

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