महिंदा राजपक्षे और बेसिल राजपक्षे 28 जुलाई तक बिना अनुमति के नहीं छोड़ सकते देश, श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट ने दिया अंतरिम आदेश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 15, 2022 05:25 PM2022-07-15T17:25:01+5:302022-07-15T17:27:59+5:30
76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्हें राजपक्षे परिवार का सबसे करिश्माई राजनेता माना जाता है। उन्होंने पहली बार 2004 में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का पद संभाला।
कोलंबो: श्रीलंका में चल रहे उग्र विरोध प्रदर्शन के बीच श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अंतरिम आदेश जारी किया है। श्रीलंका के डेली मिरर के बाद इस आदेश में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व मंत्री बेसिल राजपक्षे को अदालत की अनुमति के बिना 28 जुलाई तक देश छोड़ने से रोका गया है।
76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्हें राजपक्षे परिवार का सबसे करिश्माई राजनेता माना जाता है। उन्होंने पहली बार 2004 में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का पद संभाला। फिर, 2005 से 2015 तक वे श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। श्रीलंका की आज जो मौजूदा स्थिति है उसके लिए महिंदा राजपक्षे सरकार की नीतियां भी जिम्मेदार रही हैं।
Sri Lanka's Supreme Court today issued an interim order preventing former Prime Minister Mahinda Rajapaksa and former Minister Basil Rajapaksa from leaving the country without the court's permission until July 28th: Sri Lanka's DailyMirror
— ANI (@ANI) July 15, 2022
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वहीं बासिल राजपक्षे श्रीलंका के वित्त मंत्री रह चुके हैं। उन्हें महिंदा राजपक्षे का राजनीतिक रणनीतिकार माना जाता है। बासिल राजपक्षे पर सरकारी टेंडरों में घुस लेने के कई आरोप लग चुके हैं। श्रीलंकाई राजनीति में बेसिल राजपक्षे को "मिस्टर टेन प्रतिशत" कहा जाता है। हालांकि, उनके ऊपर कोई भी मामला साबित नहीं हो सका। ऐसे में श्रीलंका के लोगों को अपने इन नेताओं के प्रति एक आक्रोश है।
आपको बता दें कि गोटबाया राजपक्षे महिंदा राजपक्षे और बासिल राजपक्षे तीनों भाई हैं। राष्ट्रपति पद से गोटबाया ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया गया है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने इस अवसर पर जश्न मनाया।