लाइव न्यूज़ :

पुतिन की पॉटी इकट्ठा करते हैं स्पेशल बॉडीगार्ड, लेकिन क्यों, जानिए यहां

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 13, 2022 21:12 IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ विदेशी दौरे पर जाने वाले स्पेशल बॉडीगार्ड का काम होता है कि वो पुतिन का मल-मूत्र इकट्ठा करके उसे वापस मॉस्को भेजें, ताकि पुतिन के शरीर से निकलने वाले वेस्ट पार्ट की लगातार जांच होती रहे।

Open in App
ठळक मुद्देव्लादिमीर पुतिन जब भी विदेशी दौर पर होते हैं तो उनकी पॉटी और पेशाब को इकट्ठा किया जाता हैइस काम के लिए फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के स्पेशल एजेंटों को राष्ट्रपति पुतिन के साथ भेजा जाता हैवे पुतिन के मल-मूत्र को इकट्ठा करके स्पेशल बैग के जरिये वापस रूसी लैब में जांच के लिए भेजते हैं

मॉस्को:रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसे सुनकर लोगों को बहुत आश्चर्य हो रहा है। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन जब भी किसी विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनके साथ रूसी स्पेशल बॉडीगार्ड चलते हैं, जिनका काम होता है राष्ट्रपति पुतिन की पॉटी और पेशाब को इकट्ठा करना।

जी हां, पुतिन के साथ विदेशी दौरे पर ये स्पेशल बॉडीगार्ड सिर्फ इसी काम के लिए तैनात किये जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ये स्पेशल बॉडी गार्ड पुतिन का मल-मूत्र इकट्ठा करके उसे वापस मॉस्को भेजते हैं ताकि पुतिन के शरीर से निकले वेस्ट पार्ट की लगातार जांच होती रहे।

इसके साथ उन स्पेशल गार्ड का यह भी काम होता है कि वो विदेशी दौरे पर बेहद बारीकी से राष्ट्रपति पुतिन की सेहत का ध्यान रखें और उससे संबंधित सारी  आवश्यकताओं को पूरा करें।

जानकारी के मुताबिक फ्रेंच न्यूज मैगजीन 'पैरिस मैच' में जर्नलिस्ट रेजिस जेंते ने लिखे एक लेख में खुलासा किया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश दौरे के दौरान उनका मल-मूत्र इकट्ठा करने के लिए विशेषतौर पर फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के एजेंटों को उनके साथ भेजा जाता है।

विदेशी दौरे पर उनका काम होता है कि पुतिन के मल-मूत्र को इकट्ठा करें और उसे एक स्पेशल बैग के जरिये वापस रूसी लैब में भेजें, जहां उनकी बाकायदा जांच होती है।

इस लेख में रेजिस जेंते लिखते हैं कि राष्ट्रपति पुतिन का स्वास्थ्य रूस के महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है और इसके प्रति रूसी एजेंसियां किसी भी तरह का समझौता नहीं करती हैं, खासकर जब वो विदेश यात्रा पर होते हैं। उस दौरान रूसी एजेंसी उनकी सुरक्षा और सेहत को लेकर बेहद चौकन्नी रहती हैं। 

विदेशों से पुतिन की पॉटी और पेशाब जब रूस पहुंचते हैं को बाकायदा उनकी जांच होती है कि कहीं राष्ट्रपति पुतिन किसी बीमारी के तो चपेट में नहीं आ रहे हैं।

इसके अलावा रूसी सुरक्षा एजेंसी इस बात के लिए भी सतर्क रहती हैं कि रूसी राष्ट्रपति के स्वास्थ्य या उनकी बीमारी के बारे में किसी भी अन्य देश को कुछ पता न चले।

इसके साथ ही पत्रकार रेजिस जेंते इस बात का भी दावा करते हैं कि साल 2019 में उन्हें पता चला था जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सऊदी अरब के दौरे पर गए थे तो उनके साथ गये फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के एजेंट बाथरूम में भी उनके साथ जाते थे। यही नहीं इस तरह की घटना फ्रांस दौरे के समय भी हुई थी और फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के एजेंट रूसी राष्ट्रपति के साथ उनके बाथरूम में समय बिताया करते थे।

मालूम हो कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में कई तरह के रहस्य भरे दावे किया जाते हैं। पत्रकार रेजिस जेंते के दावे को इस बात से भी बल मिलता है क्योंकि कई रूसी पत्रकार इस बात का दावा करते हैं कि विदेशी दौरे से पुतिन का मल-मूत्र लाने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। खबरों के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति इस समय कथित तौर पर किसी अज्ञात कैंसर से जूझ रहे हैं और उनका इलाज चल रहा है।

टॅग्स :व्लादिमीर पुतिनरूस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए