कुछ कुछ खुलने लगी हैं, चेतना की गुत्थियां

By भाषा | Updated: August 5, 2021 20:30 IST2021-08-05T20:30:40+5:302021-08-05T20:30:40+5:30

Something has begun to open, the knots of consciousness | कुछ कुछ खुलने लगी हैं, चेतना की गुत्थियां

कुछ कुछ खुलने लगी हैं, चेतना की गुत्थियां

बारबरा जैक्लीन सहकियन, क्रिस्टेल लैंगली, इमैनुएल ए स्टैमाटाकिस और लेनार्ट स्पिंडलर, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

कैम्ब्रिज (ब्रिटेन), पांच अगस्त (द कन्वरसेशन) चेतना यकीनन सबसे अधिक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक विषय है। चेतना न हो तो, आखिरकार कोई विज्ञान नहीं होगा।

लेकिन जब हम सभी जानते हैं कि जागरूक होना क्या है - जिसका अर्थ है कि हमारे पास व्यक्तिगत जागरूकता है और हमारे आस-पास की दुनिया के प्रति प्रतिक्रिया है - फिर भी यह स्पष्ट करना असंभव है कि यह मस्तिष्क के हार्डवेयर से कैसे उत्पन्न होता है। इसे चेतना की ‘‘कठिन’’ समस्या कहा जाता है।

कठिन समस्या का समाधान बड़ी वैज्ञानिक जिज्ञासा का विषय है। लेकिन अब तक, हमने तो यह समझाने की ‘‘आसान’’ समस्याओं को भी हल नहीं किया है कि कौन सी मस्तिष्क प्रणाली सामान्य रूप से - मनुष्यों या अन्य जानवरों में, सचेत अनुभवों को जन्म देती है ।

इसका बहुत बड़ा नैदानिक ​​महत्व है। चेतना के विकार मस्तिष्क की गंभीर चोट का एक सामान्य परिणाम है और इसमें कोमा और वेजिटेटिव होने की अवस्था शामिल हैं। और हम सभी एक ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया के तहत जागरूकता के अस्थायी नुकसान का अनुभव करते हैं।

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में, दिखाया गया है कि मस्तिष्क की सचेत गतिविधियां मस्तिष्क के ‘‘आनंद रसायन’’, डोपामाइन से जुड़ी हुई प्रतीत होती है।

तथ्य यह है कि तंत्रिका तंत्र जो चेतना विकारों को कम करते हैं, उन्हें चिह्नित करना मुश्किल होता है, इन स्थितियों का निदान और उपचार करना कठिन होता है।

ब्रेन-इमेजिंग ने स्थापित किया है कि परस्पर जुड़े मस्तिष्क क्षेत्रों का एक नेटवर्क, जिसे डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क के रूप में जाना जाता है, आत्म-जागरूकता में शामिल है। यह नेटवर्क एनेस्थीसिया और मस्तिष्क क्षति के बाद बिगड़ा हुआ नजर आता है जो चेतना के विकारों का कारण बनता है। महत्वपूर्ण रूप से, यह सचेत अनुभव के लिए महत्वपूर्ण प्रतीत होता है।

ऐसा भी हुआ कि कुछ मरीज़ बेहोश लग सकते हैं, जबकि वास्तव में होते नहीं हैं। 2006 में एक ऐतिहासिक अध्ययन में, शोधकर्ताओं की एक टीम ने दिखाया कि एक 23 वर्षीय महिला, जिसे गंभीर मस्तिष्क आघात का सामना करना पड़ा था और माना जा रहा था कि वह एक यातायात दुर्घटना के बाद वेजीटेटिव या जड़ अवस्था में थी, उसमें चेतना के लक्षण थे। रोगी को मस्तिष्क स्कैन (एफएमआरआई) के दौरान टेनिस खेलने की कल्पना करने के लिए कहा गया था) और वैज्ञानिकों ने देखा कि जवाब में मोटर प्रक्रियाओं में शामिल मस्तिष्क के क्षेत्र सक्रिय हो गए।

इसी तरह, जब उसे अपने घर के कमरों से घूमने की कल्पना करने के लिए कहा गया, तो मस्तिष्क के क्षेत्र जो स्थानिक नेविगेशन में शामिल थे, सक्रिय हो गए। उस महिला में सक्रियता का जो पैटर्न दिखाया वह स्वस्थ लोगों के समान था, और वह उनके समान ही जागरूक थी, जबकि क्लिनिकल ​​​​मूल्यांकन (मस्तिष्क स्कैन शामिल नहीं) में यह ध्यान देने योग्य नहीं था।

अन्य शोधों ने वेजिटेटिव अवस्था वाले अन्य रोगियों में भी समान प्रभाव पाया गया। इस साल, वैज्ञानिकों के एक समूह ने ब्रेन जर्नल में लिखते हुए चेतावनी दी कि वेजिटेटिव या जड़ अवस्था वाले पांच में से एक रोगी वास्तव में मस्तिष्क स्कैन के दौरान आदेशों का पालन करने के लिए पर्याप्त रूप से सचेत हो सकता है - हालांकि इस पर कोई आम सहमति नहीं है।

चेतना में शामिल मस्तिष्क रसायन

तो हम इन लोगों की मदद कैसे करें? मस्तिष्क विभिन्न क्षेत्रों की एक मंडली से कहीं अधिक है। मस्तिष्क कोशिकाएं अन्य कोशिकाओं के साथ संचार करने के लिए कई रसायनों पर भी निर्भर करती हैं, जिससे मस्तिष्क कई कार्य करने में सक्षम हो पाता है। हमारे अध्ययन से पहले, कुछ सबूत थे कि डोपामाइन, जो आनंद की अनुभूति में अपनी भूमिका के लिए जाना जाता है, चेतना के विकारों में भी भूमिका निभाता है।

उदाहरण के लिए, एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग कम जागरूक थे, उनके मस्तिष्क में डोपामाइन रिलीज बिगड़ा हुआ है। इसके अलावा, कई छोटे पैमाने के अध्ययनों से पता चला है कि रोगियों को डोपामाइन के माध्यम से कार्य करने वाली दवाएं देकर उनकी चेतना में सुधार हो सकता है।

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Web Title: Something has begun to open, the knots of consciousness

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