पाकिस्तान के पेशावर में सिख दुकानदार की हत्या, लगातार दो दिनों में सिखों पर हुआ दूसरा हमला, 300 सिख परिवारों में भारी दहशत
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 25, 2023 08:20 AM2023-06-25T08:20:07+5:302023-06-25T08:27:36+5:30
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर स्थित रशीदगढ़ी बाजार में बीते शनिवार को 32 साल के मनमोहन सिंह नाम के एक सिख दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इस्लामाबाद:पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार अल्पसंख्य हिंदुओं और सिखों की लगातार हो रही हत्याओं को रोकने में असफल है। खबरों के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर स्थित रशीदगढ़ी बाजार में बीते शनिवार को 32 साल के मनमोहन सिंह नाम के एक सिख दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इस घटना से पूर्व शुक्रवार को भी ऐसा ही एक वाकया हुआ था, जिसमें अज्ञात हमलावरों ने एक अन्य सिख दुकानदार तरलोक सिंह को गोली मार दी थी, लेकिन हमले में तरलोक सिंह की जान बच गई। समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मनमोहन सिंह की हुई हत्या के बारे में स्थानीय चश्मदीद सिखों ने बताया कि घटना शनिवार को उस वक्त हुई जब सौंदर्य प्रसाधन की दुकान चलाने वाला मनमोहन सिंह दुकान बंद करने के बाद रात में लगभग 8 बजे घर की तरफ जा रहा था।
मनमोहन अभी ऑटोरिक्शा में सवार हुआ ही था कि तभी दो मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसे बेहद नजदीक से गोली मार दी और मौके पर ही मनमोहन की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार अज्ञात हमलावरों की गोली का शिकार हुआ मनमोहन परिवार में अकेला कमाने वाला था, उसके परिवार में माता-पिता, पत्नी, बेटा और एक भाई है।
पेशावर सिख समाज के अनुसार सारी सरकारी औपचारिकताओं के पूरी होने के बाद मृत मनोहन के पार्थिव शरीर को गुरुद्वारा भाई जोगा सिंह ले जाया जा रहा है, जहां पेशावर में रहने वाला सिख समुदाय मनमोहन को श्रद्धांजलि देगा और फिर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
वहीं अगर शुक्रवार को हुए एक अन्य सिख दुकानदार तरलोक सिंह पर हुए जानलेवा हमले की बात करें तो स्थानीय समाचार मंच "द खुरासान डायरी" की रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्रवार की शाम में सिख दुकानदार तरलोक सिंह को हमलावरों ने निशाना बनाया। हमलावरों ने जान लेने की नीयत से तरलोक पर कुल सात गोलियां चलाईं, लेकिन करिश्माई रूप से वो इस हमले में जान बचाने में कामयाब रहा। बताया जा रहा है कि तरलोक पर हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने ली है।
इन दोनों घटनाओं के बाद पेशावर में रहने वाले पश्तून सिखों के 300 परिवारों में भारी दहशत है। सिख समुदाय के सदस्यों का कहना है कि वो लगातार हो रही इस तरह की हिंसा के कारण खतरे में जी रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोक कदम नहीं उठाया जा रहा है। पेशावर में लगातार सिखों पर हो रहे हैं।
इस साल मार्च में भी अज्ञात हमलावरों ने एक सिख दुकानदार दयाल सिंह की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपनी दुकान के अंदर बैठा था। इससे पहले की बात करें तो 30 सितंबर 2021 को पेशावर के ही फरिकाबाद में हकीम सतनाम सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। वहीं 15 मई 2022 को रणजीत सिंह और कुलजीत सिंह नाम के दो सिखों की बट्टा ताल चौक स्थित उनके दुकानों पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।