शेख हसीना ने कहा, "बांग्ला भाषा आंदोलन से जन्मा है बांग्लादेश, पाकिस्तान ने तो उर्दू को जबरन थोपा था"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 5, 2022 07:45 PM2022-09-05T19:45:32+5:302022-09-05T19:50:22+5:30

बांग्ला भाषा आंदोलन को बांग्लादेश की आजादी का मुख्य आंदोलन बताते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि 1947 में बंटवारे के बाद जब हमारी किस्मत को पाकिस्तान के हवाले कर दिया गया तो उसने सबसे पहले पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश पर उर्दू को थोप दिया था।

Sheikh Hasina said, "Bangladesh born out of the Bengali language movement, Pakistan forcibly imposed Urdu" | शेख हसीना ने कहा, "बांग्ला भाषा आंदोलन से जन्मा है बांग्लादेश, पाकिस्तान ने तो उर्दू को जबरन थोपा था"

फाइल फोटो

Highlightsशेख हसीना ने कहा कि 1971 में बांग्लादेश का जन्म बांग्ला भाषा के आदोलन का नतीजा थापाकिस्तान के खिलाफ जो आंदोलन सबसे पहले शुरू हुआ, वो हमारी मातृभाषा बांग्ला के लिए ही थाबांग्लादेश विश्व का एकमात्र ऐसा देश है, जिसकी बुनियाद में भाषा आंदोलन था

दिल्ली: भारत यात्रा पर चार दिनों के लिए बांग्लादेश से आयीं प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के साथ मैत्री संबंधों को मजबूत बनाते हुए कहा कि बांग्लादेश का जन्म बांग्ला भाषा के आदोलन का नतीजा था। हसीना ने कहा, "साल 1947 में जब हिंदोस्तान दो भागों में बंटा और हमारी किस्मत को पाकिस्तान के हवाले कर दिया गया तो उसने सबसे अपनी वरिष्ठता साबित करने के लिए पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश पर उर्दू को थोप दिया था।"

उन्होंने कहा कि ऊर्दू हमारी जुबान नहीं थी इस कारण पश्चिमी पाकिस्तान के खिलाफ पूर्वी पाकिस्तान में जो आंदोलन सबसे पहले शुरू हुआ, वो हमारी मातृभाषा बांग्ला के लिए था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबित मातृभाषा बांग्ला के प्रति अपने प्यार का इजहार करते हुए शेख हसीना ने कहा कि बांग्ला आंदोलन इतने बड़े पैमाने पर शुरू हुआ कि उसके नतीजे हमें पांच दशक पहले पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के तौर पर स्वतंत्र राष्ट्र मिला।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एकमात्र ऐसा देश है, जिसकी बुनियाद में भाषा आंदोलन था। दरअसल भाषा किसी भी देश और उसमें रहने वाले समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

शेख हसीना ने किसी भी भाषा के परहेज से इनकार करते हुए कहा, "मैं अंग्रेजी में बोलती हूं लेकिन ये हमारी भाषा नहीं है बल्कि ये अंग्रेजी के द्वारा दी गई विदेशी भाषा है, जिसे मैंने स्वेच्छा से चुना है बात करने के लिए। लेकिन साल 1947 में जब पाकिस्तान बना तो हमारे पर मर्जी के खिलाफ उर्दू को थोप दिया गया। यहां सवाल उर्दी या अंग्रेजी का नहीं है, यहां प्रश्न है कि मैं खुद को किस भाषा में बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर पाती हूं। शायद बांग्ला के अलावा और कोई नहीं, क्योंकि मैं उनमें अपने भाव को व्यक्त नहीं कर सकती हूं।"

शेख हसीना ने एएनआई से कहा कि बांग्लादेश का जन्म ही बांग्ला भाषा के कारण हुआ। इसलिए वो हमारे लिए केवल एक भाषा नहीं है। वो हमारी मातृभाषा है और हर किसी को अपनी मातृभाषा के प्रति खास आकर्षण होता है क्योंकि उसी में हम अपने मन की बात कह पाते हैं।"

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि हम दोनों अलग-अलग देश के नागरिक हैं लेकिन हम जब भी मिलते हैं, बांग्ला भाषा में खुलकर बात करते हैं क्योंकि हम दोनों की मातृभाषा एक ही है। 

Web Title: Sheikh Hasina said, "Bangladesh born out of the Bengali language movement, Pakistan forcibly imposed Urdu"

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