डब्ल्यूएचओ टीम के वुहान दौरे के बाद कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर कई प्रश्न अनुत्तरित

By भाषा | Updated: February 10, 2021 20:44 IST2021-02-10T20:44:56+5:302021-02-10T20:44:56+5:30

Several questions remain unanswered about the origins of the Kovid-19 after the WHO team's Wuhan tour | डब्ल्यूएचओ टीम के वुहान दौरे के बाद कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर कई प्रश्न अनुत्तरित

डब्ल्यूएचओ टीम के वुहान दौरे के बाद कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर कई प्रश्न अनुत्तरित

वुहान (चीन), 10 फरवरी (एपी) कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति पर कुछ नयी जानकारियां जुटाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम बुधवार को चीन से रवाना हो रही है, लेकिन बड़े प्रश्न अब भी अनुत्तरित हैं।

महामारी से दुनिया भर में 23 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व में वुहान में ही दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था।

डब्ल्यूएचओ टीम का यह दौरान चीन के लिए राजनीतिक रूप से संवदेनशनील विषय था और पूरी दुनिया की इस पर नजरें थी। दरअसल, चीन पर ये आरोप लगाये गये थे कि उसने महामारी की शुरूआत में इससे निपटने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाये थे।

टीम के सदस्य पीटर दजाक ने मध्य चीन के शहर वुहान की चार दिनों की यात्रा संपन्न करते हुए हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद कहा, ‘‘अगला कदम क्या होना चाहिए, उस पर हमारे पास एक स्पष्ट संकेत हैं। यह कार्य किये जाने पर हमें काफी कुछ जानकारी मिलेगी। ’’

ऐसा प्रतीत होता है कि टीम के मुख्य निष्कर्ष में उन्हीं बातों की पुष्टि हुई है जो विशेषज्ञ वायरस के बारे में पहले ही कह चुके हैं।

टीम ने अपनी यात्रा के दौरान जिन सिद्धांतों पर गौर किया वे इस प्रकार हैं:-

चमगादड़ों से कोराना वायरस का फैलना : वुहान के दौरे पर आई टीम ने इस मुख्य सिद्धांत में कोई बदलाव नहीं किया कि कोरोना वायरस आखिरकार कहां से आया था। वैज्ञानिकों को लगता है कि चमगादड़ इसके संभावित वाहक रहे होंगे और उनके जरिये इस वायरस ने मानव शरीर में प्रवेश किया होगा। वहीं, ऐसा भी हुआ होगा कि किसी चमगादड़ ने मानव को सीधे तौर पर संक्रमित किया होगा। हालांकि, डब्ल्यूएचओ की टीम और उसके चीनी समकक्षों के मुताबिक इस बात की ज्यादा संभावना है कि दूसरे जंतु के जरिए यह महामारी फैली होगी। लेकिन सवाल यह है कि वह कौन सा जंतु है और कहां है?’’

बाजार से कोविड-19 के फैलने का सिद्धांत: हुनान समुद्री भोजन बाजार को काफी समय से उस स्थान के तौर पर माना जा रहा है, जहां मानव पहली बार कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ था। इस बाजार में मुख्य रूप से बर्फ में रखा गया समुद्री भोजन मिलता है। लेकिन यहां पालतू पशुओं के मांस भी बिकते हैं। जिनमें खरगोश, चूहे आदि शामिल हैं। खरगोश को वायरस के प्रसार के लिए एक संदिग्ध वाहक माना जा रहा है। टीम के एक सदस्य ने कहा है कि इनमें से एक जंतु के क्षेत्र में खेतों में मौजूद होने का पता चला है जहां चमगादड़ों का ठिकाना है। हालांकि, चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने संक्रमण के प्रसार में बाजार की भूमिका होने से इनकार किया है।

प्रयोगशाला से संक्रमण फैलने का सिद्धांत: चीनी एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से वायरस संभवत: नहीं फैला होगा।

‘कोल्ड चेन’ का सिद्धांत : संयुक्त जांच में इस संभावना के विकल्प खुले रखे गये हैं कि वायरस ‘फ्रोजेन फूड’ (शून्य से कम डिग्री सेल्सियत तापमान में रखे जाने वाले खाद्य पदार्थ) के जरिये मानव शरीर में आया होगा। चीनी अधिकारियों ने इस सिद्धांत पर काफी जोर दिया है।

हालांकि, टीम की सदस्य मारियों कूपमंस ने कहा, ‘‘यह कोल्ड चेन नहीं हो सकता। वायरस कहीं और से आया होगा। ’’

कोविड-19 की उत्पत्ति की छानबीन के दौरान टीम के सदस्यों को विभिन्न स्थानों पर जाने और लोगों से बात करने की कितनी छूट दी गई: इस बारे में भी सवाल किये जा रहे हैं।

टीम की सदस्य थी कोलसेन फिशर ने कहा कि उन्हें आंकड़ों की मूल प्रति नहीं देखने दी गई।

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