घोटाले का हैरान करने वाला मामला, 10 किलोमीटर बॉर्डर को घेरने में खर्च हो गये 2 अरब रुपये!
By ज्ञानेश चौहान | Published: March 18, 2019 01:37 PM2019-03-18T13:37:15+5:302019-03-18T13:46:27+5:30
मामला सामने आने के बाद केन्या की संसद ने अब इस बॉर्डर की घेराबंदी के काम पर रोक लगा दी है। साथ ही सांसदों ने परियोजना की जांच की मांग भी की है।
केन्या में भ्रष्टाचार का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां के कुछ सासंदों ने आरोप लगाया है कि देश के सोमालिया से सटे बॉर्डर पर केवल 10 किलोमीटर की दूरी की घेराबंदी करने में अरबों रुपये खर्च कर दिये गये। रिपोर्ट्स के अनुसार पहले करीब 700 किलोमीटर तक फैले बॉर्डर पर दीवार बनाकर फेंसिग की जानी थी।
इसका मकसद अल-शबाब गुट के आतंकियों को देश में आने से रोकना था। हालांकि, अब ये बात सामने आई है कि केवल 10 किलोमीटर बॉर्ड की घेरबंदी में ही 35 मिलियन डॉलर (2.39 अरब रुपये) खर्च हो गये। मामला सामने आने के बाद केन्या की संसद ने अब इस बॉर्डर की घेराबंदी के काम पर रोक लगा दी है। साथ ही सांसदों ने परियोजना की जांच की मांग भी की है।
ये थी मूल योजना
जब पहली बार 2014 में इस योजना की घोषणा की गई थी, तो सरकार ने कहा था कि केन्या बॉर्डर पर 708 किमी की दीवार का निर्माण होगा। इस योजना के तहत दीवार को हिंद महासागर से लेकर मंडेरा के सीमावर्ती क्षेत्र, केन्या, सोमालिया और इथियोपिया तक फैलाना था। लेकिन वास्तव में अभी तक ऐसा नहीं हुआ।
केन्या अल-शबाब के आतंकियों पर इसलिए रोक लगाना चाहता है क्योंकि केन्या इन आतंकियों के हाथों कई विनाशकारी हमलों का सामना कर चुका है। दिसंबर 2014 में मंडेरा में एक नरसंहार में, जिसमें 36 गैर-मुस्लिम मारे गये थे।