सामिया सुलुहू हसन ने रचा इतिहास, तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 19, 2021 16:00 IST2021-03-19T15:58:46+5:302021-03-19T16:00:00+5:30
तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मगुफुली का निधन हो गया है। वह 61 वर्ष के थे। उपराष्ट्रपति सामिया सुलुहू ने बताया कि मगुफुली का हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया।

शपथ लेने के बाद हसन ने सैन्य परेड का निरीक्षण किया। (file photo)
दार-उस-सलामः सामिया सुलुहू हसन (61) ने इतिहास रच दिया। तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।
तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मगुफुली का निधन हो गया है। वह 61 वर्ष के थे। उपराष्ट्रपति सामिया सुलुहू ने बताया कि मगुफुली का हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया। सुलुहू ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा, ‘‘हमारे प्रिय राष्ट्रपति का शाम छह बजे निधन हो गया। सभी ध्वज 14 दिनों के लिए आधे झुके रहेंगे। यह दुखद खबर है। राष्ट्रपति को पिछले 10 वर्षों से यह बीमारी थी।’’
उन्होंने देश के सबसे बड़े शहर दार-उस-सलाम में स्टेट हाउस के सरकारी कार्यालय में राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की। हिजाब पहनकर और अपने दाएं हाथ में कुरान पकड़ते हुए हसन ने पद की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में पूर्वी अफ्रीकी देश के मुख्य न्यायाधीश और मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल हुए। तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति अली हसन मिन्यी, जकाया किकवेते और आबिद करुमे भी इस मौके पर मौजूद रहे। शपथ लेने के बाद हसन ने सैन्य परेड का निरीक्षण किया।
काले सूट और लाल हेडस्कार्फ़ में सजे 61 वर्षीय नेता ने सैन्य परेड में सैनिकों का निरीक्षण करने और तोप की सलामी लेने से पहले डार एस सलाम में पद की शपथ ली। सामिया सुलुहू हसन, ईमानदार होने और तंजानिया के संविधान की रक्षा करने का वादा करती हूं।
2025 तक शासन करेंगी। वह इथियोपिया के राष्ट्रपति साहले-वर्क ज्वडे के साथ अफ्रीका में एकमात्र अन्य वर्तमान महिला राज्य प्रमुख हैं। मगुफुली का तंजानिया के सबसे बड़े शहर दार ए सलाम के एक अस्पताल में निधन हुआ। राष्ट्रपति को फरवरी के अंत से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया था।
सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलें थीं कि वह बीमार चल रहे हैं लेकिन शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने इन बातों का खंडन किया था। मगुफुली अफ्रीका के उन प्रमुख नेताओं में से एक थे जिन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी को खारिज कर दिया था। उन्होंने पिछले साल कहा था कि तंजानिया ने तीन दिन की राष्ट्रीय प्रार्थना के जरिए इस संक्रामक बीमारी का खात्मा कर दिया।