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अमेरिकी सेना में शामिल सालेहा जबीन ने ‘चैपलिन कॉलेज’ से किया स्नातक

By भाषा | Updated: February 18, 2021 19:11 IST

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(ललित के झा)

वाशिंगटन, 18 फरवरी अमेरिकी सेना में शामिल पहली भारतीय-मुस्लिम महिला ‘चैपलिन’ सालेहा जबीन ने एक आध्यात्मिक सलाहकार के रूप में अपने कर्तव्य को बेहद संजीदगी से निभाने का संकल्प लिया है।

‘चैपलिन’ धार्मिक मामलों में सलाह देने वाला पेशवर होता है।

बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पांच फरवरी को ऐतिहासिक स्नातक समारोह का आयोजन किया गया था।

भारत में जन्मी जबीन ने कहा कि वह यह अवसर पाने के लिए बेहद आभारी हैं और इस जिम्मेदारी से भी पूरी तरह अवगत हैं कि उन्हें एक उदाहरण पेश करना होगा और दिखाना होगा कि जो भी सेवा करना चाहता है उसके लिए सेना में एक जगह है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे अपने किसी धार्मिक विश्वास या प्रतिबद्धता के साथ समझौता नहीं करना पड़ा। मेरे आसपास ऐसे लोग हैं, जो मेरा सम्मान करते हैं और एक महिला, एक आध्यात्मिक नेता और एक प्रवासी के तौर पर मेरे साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं।’’

जबीन ने कहा, ‘‘ मुझे कौशल हासिल करने के लिए कई अवसर प्रदान किए गए, जो एक सफल अधिकारी और बहुलतावादी वातावरण में एक ‘चैपलिन’ बनने में मदद करेंगे।’’

जबीन को पिछले साल दिसम्बर में शिकागो में ‘कैथोलिक थियोलॉजिकल यूनियन’ में बतौर ‘सेकेंड लेफ्टिनेंट’ नियुक्त किया गया था। वह रक्षा विभाग में नियुक्त की गई, पहली महिला मुस्लिम ‘चैपलिन’ हैं। वह एक छात्र के तौर पर 14 साल पहले अमेरिका आई थीं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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