रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा-उम्मीद है कि AK-203 करेगी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद
By भाषा | Updated: March 4, 2019 04:15 IST2019-03-04T04:15:57+5:302019-03-04T04:15:57+5:30
एके - 203 राइफल’ उस इंसास राइफल की जगह लेगी, जिसका इस्तेमाल थल सेना और अन्य बल कर रहे हैं। इस इकाई में 7,00,000 एके - 203 राइफलें तैयार करने का शुरूआती लक्ष्य है।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा-उम्मीद है कि AK-203 करेगी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने एक संदेश में कहा है कि ‘क्लाश्निकोव असाउल्ट राइफल - 203’ तैयार करने वाला भारत और रूस का नया संयुक्त उद्यम छोटे हथियारों की भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की जरूरतों को पूरा करेगा।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम के दौरान रूसी राष्ट्रपति का यह संदेश पढ़ा।
प्रधानमंत्री मोदी ने एके - 203 असाउल्ट राइफल के लिए यहां एक विनिर्माण इकाई का उदघाटन किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘एके - 203 राइफल’ उस इंसास राइफल की जगह लेगी, जिसका इस्तेमाल थल सेना और अन्य बल कर रहे हैं। इस इकाई में 7,00,000 एके - 203 राइफलें तैयार करने का शुरूआती लक्ष्य है।
पुतिन ने अपने संदेश में कहा, ‘‘नया संयुक्त उद्यम नवीनत सीरिज की विश्व प्रसिद्ध क्लाश्निकोव असाउल्ट राइफलें तैयार करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह, भारतीय रक्षा उद्योग क्षेत्र के पास राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की इस श्रेणी के छोटे हथियारों की जरूरत पूरी करने का अवसर होगा जो अत्याधुनिक रूसी प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा। ’’
उन्होंने कहा कि रूस और भारत के बीच सैन्य एवं तकनीकी सहयोग परंपरागत रूप से विशेष रणनीतिक साझेदारी का एक अहम क्षेत्र रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘सात दशक से भी अधिक समय से हम विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता के शस्त्र एवं उपकरण भारतीय मित्रों को आपूर्ति कर रहे हैं। हमारे देश के सहयोग से भारत में 170 सैन्य एवं उद्योग इकाइयों की स्थापना की गई है। ’’
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में पुतिन की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत में क्लाश्निकोव तैयार करने के लिए मोदी के साथ उनकी सहमति बनी थी।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अंतर सरकारी समझौता तैयार हुआ था और इस पर यथासंभव सबसे कम समय में हस्ताक्षर किया गया था।
पुतिन ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि नये उद्यम के शुरू होने से भारत की मजबूत रक्षा संभावनाओं में योगदान मिलेगा। यह रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने में महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि यह संयंत्र दोनों देशों के बीच दोस्ती और रचनात्मक सहयोग का खुद में एक और प्रतीक बनेगा।