इराक-अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर अमेरिका पर हमलावर हुए रूसी विदेश मंत्री, रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कही ये बात, देखें वीडियो
By मनाली रस्तोगी | Published: March 3, 2023 01:03 PM2023-03-03T13:03:10+5:302023-03-03T13:04:15+5:30
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका से अफगानिस्तान और इराक को लेकर सवाल किए।

(फोटो क्रेडिट- ANI)
नई दिल्ली: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका से अफगानिस्तान और इराक को लेकर सवाल किए। उन्होंने पूछा कि अमेरिका से इराक और अफगानिस्तान में क्या हो रहा है और क्या वे निश्चित हैं कि अमेरिका क्या कर रहा है, इस बारे में कोई सवाल क्यों नहीं पूछा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें याद नहीं है कि सर्बिया पर बमबारी कब हुई थी।
They don’t remember when Serbia was bombed. Joe Biden (US President) being a senator at that time was bragging that I promoted this approach. When Iraq was ruined as a state, few years later Tony Blair said it was a mistake: Russian Foreign Minister Sergey Lavrov pic.twitter.com/ZZiju4Xet3
— ANI (@ANI) March 3, 2023
लावरोव ने आगे कहा, "जो बाइडन (अमेरिकी राष्ट्रपति) उस समय एक सीनेटर होने के नाते डींग मार रहे थे कि मैंने इस दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया। जब इराक एक देश के रूप में बर्बाद हो गया था, कुछ साल बाद टोनी ब्लेयर ने कहा कि यह एक गलती थी।" वहीं, इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर भी बात की। सर्गेई लावरोव ने कहा, "हर कोई पूछ रहा है कि रूस कब बातचीत के लिए तैयार है।"
#WATCH | Everyone's asking when Russia is ready to negotiate.Nobody asks Zelenskyy when he's going to negotiate. Last yr,Zelenskyy signed a document making it criminal offence to negotiate with Russia as long as Putin is present.Can you ask him what he's doing?: Russian FM Lavrov pic.twitter.com/4pf47GKzUP
— ANI (@ANI) March 3, 2023
अपनी बात को जारी रखते हुए सर्गेई लावरोव ने आगे कहा, "जेलेंस्की से कोई नहीं पूछता कि वह कब बातचीत करने जा रहे हैं। पिछले साल, जेलेंस्की ने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, जब तक पुतिन मौजूद हैं, तब तक रूस के साथ बातचीत करना आपराधिक अपराध है। क्या आप उससे पूछ सकते हैं कि वह क्या कर रहा है?"
We've excellent relations with China and India. The relations with India are characterized in offical documents signed by the two leaders as a “specially privileged strategic partnership”. I don't know whether any other country has the same status on paper offcially: Russian FM pic.twitter.com/UdPnr6NRcU
— ANI (@ANI) March 3, 2023
वहीं, चीन और भारत को लेकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, "चीन और भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। भारत के साथ संबंधों को दोनों नेताओं द्वारा "विशेष विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" के रूप में हस्ताक्षरित आधिकारिक दस्तावेजों में चित्रित किया गया है। मैं नहीं जानता कि क्या किसी अन्य देश का आधिकारिक तौर पर कागज पर समान दर्जा है।"
उन्होंने कहा, "हम इन दोनों (भारत-चीन) महान राष्ट्रों के मित्र बनने में रुचि रखते हैं। यह रूस, चीन और भारत की तिकड़ी बनाने की मेरे पूर्ववर्ती की पहल थी, जिसकी परिणति ब्रिक्स के गठन में हुई। मेरी भावना यह है कि वे जितना अधिक मिलें, उतना अच्छा है।"
रूसी विदेश मंत्री ने ये भी कहा, "हम कभी भी किसी देश को किसी अन्य देश के खिलाफ खेलने में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ अन्य बाहरी खिलाड़ियों द्वारा तथाकथित इंडो-पैसिफिक रणनीति के संदर्भ में कोशिश की जा रही है, क्वाड का उपयोग आर्थिक उद्देश्य के लिए नहीं बल्कि इसका सैन्यीकरण करने की कोशिश की जा रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "आसियान प्लस क्वाड के हमारे अमेरिकी मित्रों द्वारा प्रचारित विचार खुले तौर पर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों को बर्बाद करने के उद्देश्य से है। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ है पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन जिसमें चीन और रूस शामिल नहीं हैं।"