Russia Ukraine War: युद्ध को लेकर 18 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होगी बातचीत
By रुस्तम राणा | Published: March 17, 2022 08:13 PM2022-03-17T20:13:54+5:302022-03-17T20:22:35+5:30
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने बताया, दोनों नेता हमारे दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा के प्रबंधन के साथ-साथ यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और आपसी चिंता के अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध को लेकर शुक्रवार को अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्ता होगी। गुरुवार को व्हाइट हाउस की ओर से इसकी जानकारी दी गई है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, राष्ट्रपति जो बाइडेन इस शुक्रवार (18 मार्च) को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बात करेंगे। यह संयुक्त राज्य अमेरिका और पीआरसी के बीच संचार की खुली लाइनें बनाए रखने के हमारे चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने बताया, दोनों नेता हमारे दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा के प्रबंधन के साथ-साथ यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और आपसी चिंता के अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
President Joe Biden will speak with Chinese President Xi Jinping this Friday (18th March). This is part of our ongoing efforts to maintain open lines of communication between the United States and the PRC: White House Press Secretary Jen Psaki
— ANI (@ANI) March 17, 2022
(File photo) pic.twitter.com/CMpE2caVEk
दोनों देशों की द्वि-पक्षीय वार्ता को लेकर कई सारी अटकलें लगाई जा रही हैं। दरअसल, रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में चीन का झुकाव रूस की तरफ दिखाई दे रहा है। गुरुवार को ही चीन ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध किया है। चीन मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार के बिना किसी भी ठोस वजह के, एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करता है।
गाओ ने कहा, आर्थिक प्रतिबंध न केवल सुरक्षा समस्याओं को हल करने में विफल होंगे, बल्कि संबंधित देशों में लोगों के सामान्य जीवन को भी नुकसान पहुंचाएंगे, वैश्विक बाजार को बाधित करेंगे और पहले से ही धीमी विश्व अर्थव्यवस्था को और भी बदतर बना देंगे। उधर, अमेरिका सहित पश्चिमी शक्तियां यूक्रेन के साथ खड़ी हैं। अमेरिका समेत कई देशों ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाकर यूक्रेन का समर्थन किया है।