न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग (UNHRC) से रूस को सस्पेंड कर दिया गया है। गुरुवार को इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में वोटिंग हुई, दरअसल, यूक्रेन में रूसी सेना के द्वारा कथित नरसंहार, अमानवीय व्यवहार को लेकर यूएनएचआरसी से रूस को निलंबित करने के लिए मसौदा प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें 93 देशों ने इसके समर्थन में वोट किया। जबकि 24 देशों ने इसके खिलाफ वोट किया। वहीं भारत समेत 58 देश इस वोटिंग से दूर रहे।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति ने कहा मानवाधिकारों की घोषणा के मसौदे से लेकर मानवाधिकारों की रक्षा करने में भारत आगे रहा है। हम मानते हैं कि सभी निर्णय उचित प्रक्रिया का सम्मान करते हुए और लोकतांत्रिक संरचना के रूप में लिए जाने चाहिए। यह अंतर्राष्ट्रीय संगठनों विशेष रूप से UN पर भी लागू होता है।
बता दें कि यूक्रेन के बूचा में रूसी सेना द्वारा कथित नरसंहार को लेकर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में चर्चा हुई थी। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आक्रमणकारी देश रूस पर गंभीर आरोप लगाए थे। जेलेंस्की ने कहा, नागरिकों को टैंकों से कुचल दिया गया, महिलाओं का उनके बच्चों के सामने बलात्कार किया और उन्हें मार डाला गया। बूचा में रूसी सेना ने जो किया वह क्रूरता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सचमुच उल्लंघन किया गया है।
कहा जा रहा है कि बूचा सहित अन्य यूक्रेनी शहरों में रूस के सैनिकों ने आम नागरिकों को भी मारा था और उनके साथ अमानवीय कृत्यों को अजाम दिया था, जिसकी चौतरफा निंदा हो रही है। ईयू ने भी बूचा में हुई घटना की निंदा की थी। हालांकि रूस इन आरोपों को बेबुनियाद बता रहा है।